मुंबई : विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के अब दो-तीन हफ्ते तक देश में लौटकर आने के आसार नहीं है जिसके सउदी अरब से लौटकर आने की उम्मीद थी। उसने कहा कि वह उसके खिलाफ आरोपों की जांच करने वाली किसी भी भारतीय एजेंसी को सहयोग देने को तैयार है। इस बीच सरकार ने आज कहा कि नाइक के भाषणों का प्रसारण करने वाले पीस टीवी को सुरक्षा कारणों से भारत में प्रसारण करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया गया था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने दिल्ली में संवादाताओं से कहा कि हमने हाल के दिनों में देखा कि तथाकथित पीस टीवी शांति को प्रभावित कर रहा है तथा बाद में कई देशों ने उस चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया। किन्तु यहां प्रतिबंध का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि उसे अनुमति ही नहीं दी गयी थी। अपने भड़काउ भाषणों के जरिये आतंकवाद को प्रेरित करने का आरोप झेल रहे नाइक ने सोमवार को स्काइप के जरिये होने वाले अपने संवाददाता सम्मेलन को भी रद्द कर दिया है तथा सुझाव दिया है कि वह मीडिया मुकदमे का शिकार बन गया है।
विदेश से जारी एक बयान में नाइक ने कहा कि किसी भी सरकारी एजेंसी ने उसके खिलाफ आरोपों के सन्दर्भ में उससे अभी तक सम्पर्क नहीं किया है। उसने कहा कि अभी तक एक भी भारत सरकार की एजेंसी ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण के लिए मुझसे सम्पर्क नहीं किया है। किसी भी आधिकारिक भारतीय सरकारी जांच एजेंसी के साथ वह मुझसे जो भी सूचना चाहेंगे उसके बारे में सहयोग करना मेरे लिए खुशी की बात होगी।
बहरहाल, नाइक ने मीडिया पर बयानों को तोडने मरोड़ने तथा मूल बयान नहीं देने का आरोप लगाया ताकि ‘‘निहित स्वाथरें की पूर्ति की जा सके।’’ उसने कहा कि यदि समय मिला तो मैं वीडियो पर कुछ प्रमुख आरोपों का जवाब दूंगा और उन्हें मीडिया को दूंगा एवं उन्हें सोशल मीडिया एवं अन्य सार्वजनिक मंचों पर डालूंगा जिससे यदि मीडिया उनका दुरूपयोग करती है तो मूल उत्तर उपलब्ध हो सके। नाइक ने दोहराया कि वह आतंकवाद या हिंसा का समर्थन नहीं करता और न ही वह किसी आतंकवादी संगठन का समर्थन करता है।