नई दिल्ली : विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के अब इस साल भारत लौटने की उम्मीद नहीं है। कुछ समय पहले तक यह खबर आ रही थी कि जाकिर के दो-तीन हफ्ते बाद भारत लौटने की संभावना है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब यह कहा जा रहा है कि वह इस साल भारत नहीं लौटेगा। इसकी पुष्टि खुद जाकिर के वकील ने की है। यह जानकारी खुद जाकिर के वकील मुबीन सोल्कर ने दी है।
जाकिर के वकील ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने 9 टीमों को नियुक्त किया है और एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी। हमें लगता है कि जाकिर नाइक को यहां आने की जरूरत नहीं है। मुबीन ने बताया कि ऐसी रिपोर्ट्स आने के बाद ही नाइक ने भारत आने की अपने शिड्यूल में बदलाव किया। इस बीच जाकिर नाइक के स्पीच टेप की जांच एजेंसियां रही है। यह टेप 80 हजार घंटे के है जिसमें जाकिर नाइक का भाषण है।
साथ ही विवादास्पद प्रचारक जाकिर नाईक द्वारा गठित गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की गतिविधियों की गृह मंत्रालय जांच करा रहा है। आरोप है कि इस एनजीओ को विदेशों से प्राप्त चंदे का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों और लोगों को कट्टरवादी विचारों की तरफ प्रेरित करने में किया गया।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईआरएफ की जांच चल रही है जो विदेशी चंदा विनियमन कानून के तहत पंजीकृत है और पाया गया कि उसके ज्यादातर धन ब्रिटेन, सउदी अरब और पश्चिम एशिया के कुछ देशों से आए। अधिकारी ने कहा कि आईआरएफ को पांच वर्ष में कथित तौर पर करीब 15 करोड़ रूपये प्राप्त हुए। मुंबई का नाईक तब सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी के दायरे में आया जब पाया गया कि ढाका में होली आर्टिजन कैफे पर एक जुलाई को हमला करने वाले कुछ आतंकवादी उसके भाषणों से प्रेरित थे। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने उसके भाषणों की जांच के आदेश दिए थे। आईआरएफ के विदेशी वित्त पोषण के स्रोत की गृह मंत्रालय गहन जांच करा रहा है।
गौर हो कि है कि बांग्लादेश सरकार ने नाइक के भाषणों के प्रसारक पीस टीवी पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कहा जा रहा है कि ढाका में एक रेस्तरां पर एक जुलाई को किए गए हमले को अंजाम देने वाले कुछ बांग्लादेशी उग्रवादी नाइक के ही ‘भड़काउ’ भाषणों से प्रेरित थे। इस हमले में 22 लोगों की जान गई थी । मृतकों में अधिकतर विदेशी नागरिक थे।