लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है लेकिन यूपी की सबसे ताकतवर सियासी परिवार में घमासान मचा हुआ है. चाचा-भतीजे का विवाद खत्म होने के नाम ही नहीं ले रहा है.
मुलायम परिवार का झगड़ा एक बार फिर सबके सामने दिखा. आज राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के मौके पर मुलायम परिवार अलग-थलग नजर आया. खासकर चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव आज भी दूर-दूर नज़र आए.
लोहिया की पुण्यतिथि के मौके पहले यूपी के सीएम अखिलेश यादव पहुंचे, माल्यार्पण किया और निकल गए. इस दौरान खास बात ये देखने को मिली कि वहां समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद थे लेकिन ना ही अखिलेश ने उनसे मुलाकात की और ना ही उनसे बात तक की और वहां से चले गए.
हालांकि जिस वक्त सीएम अखिलेश वहां पहुंचे उस समय शिवपाल तो मौजूद थे लेकिन उस वक्त मुलायम वहां नहीं पहुंचे थें. पहले ऐसा नहीं होता था. आम तौर पर हर साल सभी लोग इस दौरान साथ होते थे.
इस मौके पर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने कहा कि आज कल के नेता मेहनत तो करते हैं लेकिन सिखते नहीं है, तरीक़ा नहीं पता है. केवल नारे लगाने से राजनीति नहीं होती, आज कोई ना तो किताब ख़रीदता है ना पढ़ता है, लोहिया पुस्तकालय कोई नहीं जाता. मैंने अनिवार्य कर दिया है कि जो पढ़ेगा उसको टिकट देंगे तब लोग ख़रीदने लगे लेकिन उसके बाद भी नहीं पढ़ते
जैसे-जैसे चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं और चाचा-भतीजे की जंग में कमी नहीं आ रही है, इससे साफ है कि सत्ताधारी पार्टी के लिए ये झगड़ा इस चुनाव में कहीं भारी न पड़ जाए.