लंदन, 6 अगस्त: विश्व के दिग्गज धावक जमैका के उसेन बोल्ट अपने करियर की अंतिम 100 मीटर रेस में तीसरे स्थान पर रहे। विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में शनिवार को अमेरिका के जस्टिन गाटलिन ने बोल्ट को दोयम साबित करते हुए सबसे उम्रदराज विश्व चैम्पियन होने का गौरव हासिल किया। अमेरिका के ही क्रिस्टियन कोलेमन (21) ने दूसरा स्थान हासिल किया। अब बोल्ट 12 अगस्त को अपने करियर की अंतिम 200 मीटर रेस में हिस्सा लेंगे, जो हमेशा से उनका पसंदीदा रहा है। बोल्ट के नाम 100 तथा 200 मीटर का विश्व रिकार्ड है।
अमेरिका के 35 वर्षीय खिलाड़ी गाटलिन ने 9.92 सेकेंड में इस रेस को पूरा किया, वहीं 21 वर्षीय कोलेमन ने 9.94 सेकेंड और बोल्ट ने 9.95 सेकेंड में रेस को पूरा कर तीसरा स्थान हासिल किया।
गाटलिन स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही 100 मीटर रेस में विश्व चैम्पियनशिप का खिताब पाने वाले सबसे उम्रदराज एथलीट बन गए हैं। उन्होंने 12 साल पहले हेलसिकी में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में पुरुषों की 100 मीटर रेस का स्वर्ण जीता था। गाटलिन ने 10 साल के बाद अमेरिका को विश्व चैम्पियन में 100 मीटर रेस में स्वर्ण दिलाया है। 2007 में अंतिम बार अमेरिका के लिए टाईसन गे ने 100 मीटर रेस में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
जीत के बाद बोल्ट की प्रशंसा करते हुए गाटलिन ने कहा, “उन्होंने एथलेटिक्स खेल जगत में बहुत कुछ हासिल किया है और कोलेमन जैसे खिलाड़ियों को बाहर आने और इस प्रकार की बड़ी स्पर्धाओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया है। बोल्ट ने मुझे जीत की बधाई दी और कहा कि मैं इसके काबिल था। यहीं एक सच्चे खिलाड़ी की पहचान है। वह जानते हैं कि मैंने कितनी कड़ी मेहनत की है और शनिवार का दिन मेरे लिए जीत का दिन था और मैंने यह हासिल की।”
बोल्ट को पिछली बार भी 2013 में गाटलिन ने ही हराया था। उन्होंने छह जून, 2013 को आईएएएफ डायमंड लीग में बोल्ट को मात देकर स्वर्ण जीता था।
रजत पदक धारक कोलेमन ने अपने सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इससे पहले वह 28 रेसों में केवल सेमीफाइनल तक का सफर ही तय कर पाए थे।
बोल्ट की अगर बात की जाए, तो वह पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में 9.80 सेकेंड का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। इससे पहले डाएगु में 2011 में वह गलत शुरुआत के कारण रेस से बाहर हो गए थे। इसके साथ ही वह जमैका के ही दिग्गज धावक मर्लेने ओटे के पदक संख्या की बराबरी करने से चूक गए। ओटे के पास कुल 14 पदक हैं।
रेस में मिली हार के बावजूद हालांकि, बोल्ट ने कहा कि वह अब भी सर्वश्रेष्ठ धावक हैं। उन्होंने कहा, “मैंने विश्व को दिखाया है कि मैं सर्वकालिक महान एथलीटों में से एक हूं। मुझे नहीं लगता कि इस एक हार से कुछ भी बदलेगा। मैंने अपने प्रयासों से एथलेटिक्स जैसे खेल को ऊपर उठाया है और इसे अन्य खेलों के समक्ष बेहतर रूप से प्रदर्शित किया है। मैं निराश नहीं हो सकता।”
रेस के बाद गाटलिने सम्मानपूर्वक बोल्ट के सामने नतमस्तक हुए। बोल्ट को 2013 के बाद पहली बार 100 मीटर रेस में हार मिली है। बोल्ट ने बीजिंग (2008), लंदन (2012) और रियो (2016) ओलम्पिक खेलों में 100, 200 और 4 गुणा 100 मीटर रिले का स्वर्ण जीता है।
इसके अलावा वह तीन बार विश्व चैम्पियनशिप में 100 तथा 200 मीटर का स्वर्ण जीत चुके हैं। बोल्ट के नाम विश्व चैम्यिनशिप में 11 स्वर्म, दो रजत और एक कांस्य दर्ज है। ओलम्पिक में बोल्ट ने तीन स्पर्धाओं में 8 स्वर्ण जीते हैं। विश्व चैम्पियनशिप और ओलम्पिक में 2008 के बाद से बोल्ट का ही वर्चस्व रहा है।
2011 के डाएगू विश्व चैम्पियनशिप की 100 मीटर स्पर्धा के फाइनल में गलत स्टार्ट के कारण अयोग्य करार दिए गए बोल्ट ने उससे दो साल पहले और उसके छह साल बाद तक अपना वर्चस्व कायम रखा और खुद को सर्वकालिक महान एथलीटों की सूची में सबसे ऊपर लाकर खड़ा कर दिया।
–