पुणे : केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरीय नेता नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रावसाहेब दानवे की मौजूदगी में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मंत्री पद हासिल करने के पीछे न भागें. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को नैतिक आचार-व्यवहार प्रदर्शित करने की भी नसीहत दी.
बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई की प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे खुद को संगठन के काम और राष्ट्रीय हित में समर्पित करें.
गडकरी ने कहा कि ताकतवर पदों के लिए बेताब रहने वालों की महत्वाकांक्षा बहुत ज्यादा होती है और वे हमेशा नाखुश रहते हैं. मंत्री पद और इसके साथ मिलने वाली शानोशौकत ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को नए कार्यकर्ताओं के लिए एक उदाहरण पेश करने की खातिर नैतिक आचार-व्यवहार प्रदर्शित करना चाहिए. जब गडकरी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, उस वक्त मंच पर राज्य के पूर्व राजस्व मंत्री खड़से और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दानवे भी मौजूद थे. गड़बड़ी के आरोपों में खड़से को हाल ही में मंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
गडकरी ने कहा कि सभी की कुछ न कुछ कमजोरी होती है. खाना मेरी कमजोरी थी. डॉक्टरों ने मेरी बैरियाट्रिक सर्जरी (जिसका मकसद मोटापा कम करने के लिए वजन में कमी लाना था) की और मेरे आहार को सीमित किया जो मेरी सेहत के लिए अच्छा है. हर किसी को अपनी बेताबी में कमी लाने के लिए अपना डॉक्टर चुनना चाहिए ताकि अच्छी सेहत सुनिश्चित की जा सके.
गडकरी ने कहा कि बीजेपी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं पर आधारित पार्टी है और कोई ‘‘वंशवादी’’ पार्टी नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी चलाते वक्त कोई भी नेता अपनी मर्जी थोपने में कामयाब नहीं रहा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपने अनुभव के कारण वह ऐसा सोचते हैं.
उन्होंने कहा कि मैं अध्यक्ष था और मैं यह जानता हूं. यह पार्टी किसी व्यक्ति के फरमान से नहीं चलती. चाहे वह अटल बिहारी वाजपेयी हों, लालकृष्ण आडवाणी हों, मैं खूद रहूं या अमित शाह या नरेंद्र मोदी. इसका चरित्र बिल्कुल अलग तरह का है और पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की है जो इसकी ताकत के असल स्रोत हैं. किसी पार्टी का नाम लिए बगैर गडकरी ने कहा कि बीजेपी ऐसी ‘‘वंशवादी’’ पार्टी नहीं है जहां सत्ता परिवार के सदस्यों के हाथ में हो. यह पार्टी किसी एक व्यक्ति की नहीं है और इसका एक सामूहिक लक्ष्य है जिसे पार्टी का हर साधारण कार्यकर्ता मिशन के तौर पर हासिल करने की कोशिश करता है.’’ गडकरी ने कहा, ‘‘पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने हित अलग रखकर पार्टी और आम लोगों के लिए काम करना चाहिए. आपको जमीनी स्तर पर जाकर लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में मोदी सरकार की ओर से किए जा रहे कामों के बारे में जागरूक करना चाहिए.
गडकरी ने कहा कि मैं 1980 में बीजेपी में शामिल हुआ. कांग्रेस नेता और राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री श्रीकांत जिचकर ने मुझे कहा कि बीजेपी का कोई भविष्य नहीं है और उन्होंने मुझे कांग्रेस में शामिल होने की पेशकश की. मैंने उन्हें बताया कि मुझे अपनी पार्टी पर पूरा भरोसा है और भले ही इस पार्टी में मेरा भविष्य इतना उज्ज्वल न हो, लेकिन मैं इसके लिए काम करूंगा और यदि किसी दिन मैं हताश हुआ तो मैं खुदकुशी कर लूंगा लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होने वाला.