सौम्या ज्योत्स्ना :
महिला ई हाट- यह योजना 7 मार्च 2016 को स्मृति इरानी द्वारा शुरु गयी है. इस योजना का मुख्यतः घर पर रहने वाली महिलाओं पर फोकस्ड है। जिसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक ऐसा मंच तैयार किया है, जिसके माध्यम से महिलाएं अपने हुनर के जरिये कमाई कर सकती हैं। जैसे- ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिये महिलाएं हैंडमेड प्रोडक्ट बेच सकती हैं। इस वेबसाइट से अब तक 1.25 महिलाएं लाभ कमा चुकी हैं।
सखी (एक स्टॉप सेंटर) स्कीम- यह योजना 1 अप्रैल 2015 को ‘निर्भया’ फंड के साथ लागू हुई थी। यह योजना भारत के विभिन्न शहरों के अलग-अलग क्षेत्रों में चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत यह योजना उन महिलाओं को शरण देती है, जो किसी प्रकार की हिंसा का शिकार होती हैं। इसके तहत पुलिस डेस्क, कानूनी, चिकित्सा और परामर्श सेवाएं देने का काम किया जाता है। इस योजना के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 181 है। इसके जरिये अब तक लाखों महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।
वर्किंग वुमन हॉस्टल- 6 अप्रैल 2017 को शुरु की गयी इस योजना के तहत काम करने करने वाली महिलाओं को सुरक्षित आवास आसानी से उपलब्ध कराया जाता है। जहां उनके बच्चों के देखभाल की सुविधा और जरुरत की हर चीज आसपास उपलब्ध हो ताकि महिलाओं को परेशानियों का सामना कम करना पड़े। यह योजना शहरी, सेमी अर्बन और ग्रामीण सभी जगहों पर उपलब्ध है।
तेजस्विनी योजना- महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार द्वारा इस योजना को पहले रामगढ़ और दुमका में शुरु किया गया है। उसके बाद 3 जुलाई 2019 से इसे 15 अन्य जिलों में भी लांच करने का उद्देश्य है। मुलतः इसे 14 से 24 वर्ष की लड़कियों के लिए शुरु किया गया है। इस योजना के तहत अब तक 1 लाख लड़कियां लाभ हासिल कर चुकी हैं।
कन्या श्री योजना- बंगाल सरकार द्वारा 8 मार्च 2013 को शुरु की गयी इस योजना के तहत आर्थिक रुप से कमजोर लड़कियों को प्रदान की जा रही है। इसके तहत उन्हें वार्षिक छात्रवृत्ति के रूप में एक हजार रुपए के साथ ही एकमुश्त 25 हजार रुपए अनुदान के तौर पर मुहैया कराया जाता है। वार्षिक छात्रवृत्ति 13 से 18 वर्ष की अविवाहित लड़कियों के लिए है। इसके तहत अब तक 50 लाख लड़कियों को लाभ दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना- 3 अगस्त 2018 को बिहार सरकार द्वारा शुरु की गयी इस योजना के तहत लड़कियों को जन्म से लेकर स्नातक पास करने तक तयशुदा राशि देने का प्रावधान है। इसमें जन्म से लेकर स्नातक हासिल करने तक कुल राशि 54100 देने का प्रावधान है। इस योजना से 1.60 करोड़ लड़कियों को लाभ मिलने का अनुमान लगाया गया है।