मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुआ कहा है कि मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाएं अब प्रवेश कर सकेंगी और मजार तक जा सकेंगी। मुंबई की हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बंबई हाईकोर्ट ने आज दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाते हुए हाजी अली मजार के पास महिलाओं को जाने की इजाजत दे दी। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी दरगाह के अंदर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए और महाराष्ट्र सरकार को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा कि महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध संविधान में दिए गए मूलभूत अधिकारों का विरोधाभासी है। हालांकि अभी 6 हफ्ते तक महिलाएं मजार तक नहीं जा सकेंगी।
जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे की खंडपीठ के पास यह मामला इसी साल फरवरी से फैसले के लिए सुरक्षित था। जस्टिस कनाडे ने पिछले सुनवाई के दौरान 28 जून को फैसला सुना देने की उम्मीद जताई थी, लेकिन निर्णय नहीं सुनाया जा सका। याचिकाकर्ता नूरजहां सफिया नियाज की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव मोरे ने हाईकोर्ट में पैरवी की। नियाज ने अगस्त 2014 में अदालत में याचिका दायर कर यह मामला उठाया था। उन्होंने हाईकोर्ट से सूफी संत हाजी अली के मकबरे तक महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। अदालत ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामला सुलझाने को भी कहा, लेकिन दरगाह के अधिकारी महिलाओं को प्रवेश नहीं करने देने पर अड़े हुए थे।