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Home Featured

इस बार कौन बनेगा पश्चिम उत्तर प्रदेश का चौधरी ?

by desk
21 November, 2021
in Featured, राजनीति
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मुख्य चुनाव आयुक्त ने तय समय पर विधानसभा चुनाव होने के दिए संकेत, पार्टियों से मांगी राय
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सुधीर कुमार
पश्चिम उत्तर प्रदेश में करीब सौ विधानसभा क्षेत्र आती है , जिसमे से २०१७ के विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने ८८ सीटों पर बाजी मारकर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने में सफल हुए थ। अब सवाल ये है कि, क्या बीजेपी २०२२ के विधानसभा चुनाव में फिर उस करिश्मा को दोहरा पाएगी , इसके तह तक जाने के लिए हमें जातिगत समीकरण को समझाना होगा। पश्चिम उत्तरप्रदेश में करीब ३२ प्रतिशत मुसलमान मतदाता है , जबकि जाट १२ प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग करीब ३० प्रतिशत और जाटव १८ प्रतिशत , वाल्मिकी २ प्रतिशत और अगड़े करीब पांच प्रतिशत हैं । आमतौर पर मुस्लिम सपा के साथ रहती है, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग बीजेपी के साथ ,वहीं जाटव् मायावती के संग हाथी की सवारी करता है। पिछड़े विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ी थी, जबकि मायावती के बसपा और राष्ट्रीय लोक दल पार्टी अलग अलग चुनाव लड़ी थी , जिसका फायदा बीजेपी को मिला और वो अन्य पिछड़ा वर्ग , ठाकुर और पंजाबी वोटरों के बूते करीब ४२ प्रतिशत वोट पाकर ८८ सीट जीत गई , जबकि इस बार सपा और राष्ट्रिय लोक दल के बीच में गठबंधन है। २०१३ के मुज़फ्फरनगर दंगे से पहले जाट रालोद के साथ थे लेकिन उसके बाद वो बीजेपी के खेमे में चले गए और २०१४ के लोक सभा चुनाव में छोटे चौधरी अजित सिंह को हार का मुहँ देखना पड़ा वहीं २०१७ के विधानसभा चुनाव में रालोद का सूपड़ा साफ हो गया और उसे एक ही विधानसभा सीट पर संतोष करना पड़ा , इस बार जहाँ रालोद को उम्मीद है ,कि जाट वोटबैंक की घर वापसी होगी वहीं बीजेपी जाट को अपने खेमे में रखने के प्रयास कर रही है , कृषि बिल की वापसी को भी इसी नज़र से देखा जा रहा है।

Tags: assembly election 2022sudhir kumarWho will become the Chaudhary of West Uttar Pradesh this time?
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