नई दिल्ली : पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की खुदकुशी को लेकर पूर्व सेना प्रमुख और विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने कई सवाल उठाए हैं.
वी के सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि राम किशन ग्रेवाल की आत्महत्या बहुत दुखद है. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं. लेकिन ये समझना जरूरी है कि खुदकुशी करने वाले किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति बहुत मायने रखती है. आम तौर पर अवसाद और निराशा से घिरा व्यक्ति ही ये कदम उठाता है. हमारे समाज में लोग इसके बारे में बात करना पसंद नहीं करते. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर किसी ने सही समय पर राम किशन ग्रेवाल की मदद की होती तो आज वो हमारे साथ होते.
वन रैंक वन पेंशन पर सैनिकों का पूरा हक है और हम सब पुरानी सरकारों से इसके लिए लड़ते रहे हैं लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि जिस सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागू किया उसी से हमारे सैनिक निऱाश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाएं. या फिर राम किशन ग्रेवाल को खुदकुशी के लिए उन लोगों ने उकसाया जो इस मौत से किसी राजनीतिक मौके की तलाश कर रहे थे ? आखिर उस वक्त उसके साथ कौन लोग थे जब वो खुदकुशी जैसा कदम उठाने के बारे में सोच रहा था ? उसके लिए जहर कौन लेकर आया ? इस सबकी जांच होनी चाहिए.
नेता रामकिशन ग्रेवाल की आत्महत्या के पूरे सच को कभी सामने नहीं आने देना चाहेंगे. क्योंकि इस देश में कुछ ऐसे गिद्ध हैं जिनको श्मशान की राजनीति का खून लग गया है. उन्होंने खुद भले ही कुछ भी न किया हो लेकिन सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. लेकिन ये मेरी नैतिक जिम्मेदारी है कि मैं उन लोगों को बेनकाब करूं जो एक सैनिक के खून पर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं.’’
गौरतलब है कि सैनिकों से जुड़ी वन रैंक वन पेंशन योजना के लागू होने के बाद कम पेंशन मिलने की शिकायत पर एक पूर्व सूबेदार ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली और ऐसा तब किया जब वो इस मुद्दे पर अपने साथियों के साथ रक्षामंत्री को ज्ञापन सौंपने जाने वाले थे. पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया था.
दरअसल, रामकिशन सरकार की वन रैंक वन पेंशन स्कीम के तहत अपनी पेंशन और भत्ते बढ़ाने की मांग कर रहे थे और कई पूर्व सैनिकों के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे. परिजनों की मानें तो वो अपने साथियों के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने जा रहे थे लेकिन बीच में ही जहर खा लिया.