नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की एक अदालत को आज बताया कि उद्योगपति विजय माल्या का भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है और उनका पासपोर्ट उनके स्वयं के व्यवहार के चलते रद्द किया गया था.
निदेशालय ने यह बात माल्या के उस दावे की पृष्ठभूमि में मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास के समक्ष कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन वह यात्रा करने में ‘अक्षम’ हैं, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है.
अदालत ने इससे पहले शराब कारोबारी माल्या को फेरा उल्लंघन के एक मामले में कथित तौर पर समन से बचने के मामले में पेश होने का निर्देश दिया था. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अधिवक्ता एनके मट्टा ने अदालत को बताया कि कानून के प्रावधानों के तहत माल्या के पास यदि कोई पासपोर्ट नहीं है फिर भी उन्हें यात्रा दस्तावेज दिए जा सकते हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या के इस अनुरोध का भी विरोध किया कि पासपोर्ट नहीं होने के आधार पर उन्हें पेशी से छूट दी जाए.