कोलकाता : देश में अपना घर-बार और सम्पत्ति पीछे छोड़कर ‘पलायन’ करने वाले हिंदुओं पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) अगले हफ्ते से देशव्यापी सर्वेक्षण शुरू करेगा। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने दावा किया कि हमने देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदुओं के जबरन पलायन पर देशव्यापी सर्वेक्षण शुरू करने का फैसला किया है। जम्मू कश्मीर से लेकर केरल तक, गुजरात से लेकर बंगाल तक देश के विभिन्न हिस्सों में हिन्दू अपना घर-बार और सम्पत्ति पीछे छोड़कर वहां से हटने के लिए मजबूर हैं।’
उन्होंने बताया कि यह सर्वेक्षण अगले हफ्ते से शुरू होगा और इसे चार-पांच महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। हमलोग हर उस गांव, हर शहर और कस्बे के गली-मोहल्लों में सर्वेक्षण करेंगे जहां हिंन्दुओं को धमकी और दबाव की वजह से जबरन पलायन करना पड़ा है। इसे पश्चिम बंगाल और असम सहित सभी प्रमुख राज्यों में किया जाएगा। विहिप ने हाल में अपने नए अभियान ‘पलायन नहीं पराक्रम’ की घोषणा की है। विहिप ने कहा कि वह ‘‘जबरन पलायन’’ के खिलाफ प्रदर्शन के लिए लोकतांत्रिक तरीकों को आजमाएगी। ‘पराक्रम का मतलब यह नहीं है कि हथियारों से लड़ना। अगर आप खुद को निकाले जाने का विरोध करते हैं और अपने खिलाफ हमलों का मुकाबला करते हैं तो यह भी ‘पराक्रम’ ही है। हर इंसान को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का अधिकार है।’
तोगड़िया ने कहा कि इस तरह के जबरन पलायन के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके आजमाए जाएंगे। हमलोग इस मुद्दे को संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं में उठाना चाहते हैं। इस संबंध में देशव्यापी बहस होनी चाहिए। वहीं कांग्रेस, माकपा (एम) और बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने विहिप के सर्वेक्षण करने के कदम की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि यह देश में साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने के लिए किया जा रहा है। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘विहिप हमारे राज्य में साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने में कामयाब नहीं हो पाएगी। हमलोग इस तरह की तरकीबों की निंदा करते हैं। भारत एक ऐसा देश है जहां साम्प्रदायिक सद्भाव का इतिहास रहा है।