रचना प्रियदर्शिनीः अभिना एक भारतीय ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट हैं, जो कि ट्रांसजेंडर अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के लिए संघर्षरत है. उन्होंने विभिन्न संगठनों जैसे- हमसफर ट्रस्ट (मुंबई), फैमिली हेल्थ इंटरनेशनल (एफएचआइ), कम्युनिकेशन प्रोग्राम (CCP) के लिए जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी सेंटर, मिशिगन, अमेरिका और इंडिया एचआइवी/एड्स अलायंस के साथ मिल कर काम किया.
वर्तमान में वह अलायंस इंडिया (Alliance India) की एसोसिएट डायरेक्टर भी हैं, जो कि जेंडर, सेक्सुलिटी और राइट्स को लेकर काम करता है. उन्हें एचआइवी/एड्स सेक्टर में काम करने का दो दशकों का अनुभव प्राप्त हैं. उन्हें कई सारे समलैंगिक समुदायों के साथ भी काम करने का अनुभव प्राप्त है. इसके अलावा, वह वैश्विक फंड सपोर्टेड प्रोग्राम ‘पहचान’ की प्रोग्राम मैनेजर भी हैं. अभिना दिल्ली तथा वाराणसी के मंचों में टेड-एक्स वक्ता की भूमिका भी निभा चुकी हैं. फिलहाल वह आई-टेक के साथ एक टेक्निकल एक्सपर्ट के तौर पर जुड़ी हुई हैं.
ऐसे छाया डांस का खुमार
बचपन में अभिना का नाम अभिजीत अहेर था. वह महाराष्ट्र के एक मध्यमवर्गीय परिवार से तालुक्क रखती थे. जब वह तीन साल की थीं, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था. अभिना को उनकी मां ने अकेले ही पाला था और जब वह बड़ी हो गयीं, तब जाकर उन्होंने दूसरी शादी की. उनकी मां एक प्रशिक्षित कत्थक डांसर थी और मुंबई के एक सरकारी संगठन के लिए काम किया करती थीं. अक्सर वह किसी ऑफिशियल फंक्शन में परफॉर्म किया करती थीं. अभिना बेहद चाव एवं उत्सुकता के साथ अपनी मां को डांस करते हुए देखतीं और अकेले होने पर उनकी नकल करने का प्रयास करतीं.
अभिना अक्सर प्राइड परेड में भाग लिया करती हैं. साथ ही, भारत में ट्रांसजेंडर अधिकारों तथा उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लेकर राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ काम करती हैं.
वह ट्रांस-समानता के लिए कार्यरत ग्लोबल एक्शन फोरम की एचआइवी कंसल्टेंट हैं. वह संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय ट्रांस फंड की स्टीयरिंग कमिटी मेंबर हैं. इसके अलावा, अभिना बैंकॉक स्थित एशिया पैशिफिक ट्रांसजेंडर नेटवर्क की चेयरपर्सन हैं.
आज डांसिंग क्वीन की संस्थापक
आज अभिना खुद भी एक बेहतरीन कलाकार होने के साथ ही डांसिंग क्वीन (ट्रांसजेंडर्स का डांसिंग ग्रुप) की संस्थापक हैं. अभिना द्वारा वर्ष 2009 में इस समूह का गठन किया गया था. इस समूह का उद्देश्य नृत्य और भावाभिव्यक्ति के जरिये ट्रांसजेंडर जीवन की बाधाओं को खत्म करना और ट्रांसजेंडर्स अधिकारों की पैरवी करना है. अब तक वह अपने डांस ट्रुप के साथ देश के कई शहरों में डांस परफॉमेंस दे चुकी हैं. वर्ष 2016 में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ट्रांसजेंडर्स की मदद करने के लिए ट्वीट फाउंडेशन की स्थापना भी की.
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इन तमाम उपलब्धियों के बावजूद अभिना का कहना है कि वह आज भी जब कभी राष्ट्रीय या अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट से गुजरती हें, तो उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एयरपोर्ट अधिकारी उनके ट्रांसजेंडर स्टेटस को लेकर उनसे तरह-तरह के सवाल-जबाव करते हैं. ऐसे कई वाकयात हैं, जब अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारियों (महिला तथा पुरुष दोनों) ने उनकी चेकिंग करने से इंकार किया है. ऐसे वक्त में अभिना मजबूती से उनके समक्ष अपना पक्ष रखती हैं और उन्हें ट्रांस मुद्दों पर संवेदनशील बनाने का प्रयास करती हैं, जो कि उनके कार्यों का एक हिस्सा भी है.
‘आप अपने लिए महात्मा गांधी और रानी लक्ष्मीबाई खुद बनें. किसी और से बदलाव की उम्मीद करने के बजाय खुद बदलाव के वाहक बनें.’