सावन के पहले सोमवार पर देशभर के अधिकांश शहरों में शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। कई स्थानों पर शिव भक्त सुबह से ही बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। सावन के पवित्र महीने को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।
आज सावन का पहला सोमवार है, जिस वजह से मंदिरों में तड़के 4.30 बजे ही जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। गंगा तट हो या शहर का कोई भी मार्ग हर ओर ‘बोल-बम, बोल-बम’ का नारा बुलंद रहा। कांधे पर कांवर उठाए हजारों कांवरिये काशी में नजर आए। इस दौरान पूरा माहौल भोलेनाथ की जयकरों से गूंजायमान रहा।
ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक, सोमवार से ही सावन माह की शुरुआत हो गई है और समापन भी सोमवार को ही होगा, जो काफी शुभ है। पं. मुरारी पांडेय के मुताबिक, सावन की शुरुआत 10 जुलाई से हुई और सात अगस्त को रक्षाबंधन यानी सावन पूर्णिमा है। इनका दावा है कि इस बार के सावन में 50 साल बाद विशेष संयोग बना है।
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शुक्ल बताते हैं कि काफी सालों बाद इस बार सावन मास में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। खास बात यह कि वैधृति योग के साथ सावन प्रारंभ हो रहा है और आयुष्मान योग के साथ इस मास की समाप्ति होगी। सोमवार, सावन मास, वैधृति योग व आयुष्मान योग सभी के मालिक स्वत: शिव हैं। इसी वजह से इस बार का सावन खास है।
उन्होंने बताया कि सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं। इनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।