RAJPATH DESK : संसद के उच्च सदन में पर्याप्त संख्याबल नहीं होने के कारण केंद्र सरकार तीन तलाक के खिलाफ लाए गए बिल को संसदीय समिति के पास समीक्षा के लिए भेजने की विपक्ष की मांग पर राज़ी हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब यह बिल संसद के अगले सत्र में ही पारित हो पाएगा, क्योंकि अब समिति का गठन किया जाना होगा, और फिर वह समिति विधेयक की समीक्षा कर बिल में बदलावों को लेकर सुझाव देगी।
राज्यसभा में बुधवार को समूचा विपक्ष एकजुट होकर सरकार से भिड़ गया था, और बहस को बाधित कर इस मांग पर अड़ा रहा कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई जाए।
बताते चलें कि इंस्टैंट ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित कर उसके लिए तीन साल तक की कैद की सज़ा का प्रावधान करने वाले बिल को लोकसभा में पिछले सप्ताह ही पारित कर दिया गया था। सरकार इस बिल को राज्यसभा में भी इसी सत्र में पारित करवाने की कोशिश कर रही थी, जो शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।
लेकिन चूंकि सरकार के पास उच्च सदन में बहुमत भी नहीं है, और इस बिल को लेकर तो दो सहयोगी दल – शिवसेना तथा तेलुगूदेशम पार्टी – भी उनका साथ नहीं दे रही है।
इनके अलावा एआईएडीएमके तथा बीजू जनता दल जैसे मित्र दल भी इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन नहीं दे रहे हैं। अब सरकार को इस गतिरोध को खत्म करने की खातिर बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के लिए एक प्रस्ताव पेश करना होगा।