पटना : बिहार में इस बार दुर्गा पूजा पंडालों में शराब के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए शराब के दुष्प्रभावों का चित्रण किया गया है। राज्य के कई जगहों पर पूजा पंडालों में शराब को ही थीम बनाया गया है।
पटना में कुछ दुर्गा पूजा पंडालों में शराब उपभोग के खिलाफ साफ शब्दों में संदेश लिखे गये हैं। मछुआ टोली में एक पूजा पंडाल में कई तरह के कट आउट लगे हैं जिन पर शराबबंदी के पहले की घरेलू स्थिति और उसके बाद की स्थिति का चित्रण किया गया है।
एक पंडाल में बासुदेव नाम का आदमी शराबबंदी लागू होने के पहले के समय में शराब पी कर नशे में धुत होकर अपनी पत्नी से झगड़ा करते हुए दिखाई देता है। उसकी पत्नी उसे झाडू से पीटते हुए शराब छोड़ने के लिए कह रही है। पास में लगे हुए कई सारे कट आउट्स में शराबबंदी लागू होने के बाद हुए बदलाव से खुशहाल आदमी को दिखाया गया है।
एक दूसरे पंडाल में एक ‘डॉक्टर फ्लॉप’ को दिखाया गया है, जिसके कारोबार में पूरी तरह से मंदी छाया हुआ है। पटना के गोविंद मित्रा रोड के एक पूजा पंडाल में एक परिवार के दयनीय हालात का चित्रण किया गया है, जिसमें पति नशे में धुत होकर फर्श पर गिरा हुआ है जबकि उसकी व्यथित पत्नी और उसकी एक छोटी बेटी उदास भाव से बगल में खड़ी है।
दूसरी ओर पूर्णिया के एक पूजा पंडाल में जैसे ही आप घुसते हैं वहां प्रवेश-द्वार पर शराबबंदी पर संदेश मिलता है जिसमें कहा गया है कि शराब बंदी से होगी समाज की खुशहाली।’
इस पंडाल के दोनों ओर शराब के मशहूर ब्रांड की बोतलों के दो बड़े-बड़े कट-आउट लगे हुए हैं जिन पर शराबबंदी के पक्ष में नारे लिखे गये हैं। उसमें से एक नारा इस तरह है कि आओ मिलकर शपथ लें, नशा मुक्त हम समाज बनाएं।
एक दूसरे कट-आउट पर लिखा हुआ है कि शराब नहीं ये जहर है, इसका चुनना कहर है।’ कहना नहीं होगा कि ये सारे पंडाल जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है और उन्हें सरकार की इस मुहीम में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही है।