हैदराबाद : मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि मुस्लिमों के पाक महीने रमजान में चुनाव होने का मतदाताओं की उपस्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा इस तरह का विवाद उठाने को लेकर निंदा की।
हैदराबाद से सांसद ने उम्मीद जताई कि रमजान के दौरान मतदान का प्रतिशत ज्यादा होगा, क्योंकि उपवास के महीने के दौरान महसूस होने वाली आध्यात्मिकता की वजह से अधिक संख्या में मुस्लिम बाहर आएंगे व वोट डालेंगे।
उन्होंने यहां मीडिया से कहा, मुस्लिम उपवास के दौरान कार्यालय जाते हैं और अपना व्यवसाय करते हैं। इसमें मजदूर, रिक्शा चालक भी शामिल हैं जो उपवास रखते हैं। उनकी सामान्य गतिविधि प्रभावित नहीं होती।
ओवैसी ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव वाले राज्यों में मतदान के दिन छुट्टी होगी, ऐसे में मुस्लिमों को वोट डालने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
उन्होंने कहा, सच तो यह है कि रमजान के दौरान वे रोजमर्रा के खाना बनाने व खाने के कामों से मुक्त होंगे।
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख, कुछ मुस्लिम नेताओं के निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों के लिए घोषित कार्यक्रम को लेकर निराशा जाहिर करने की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। चुनाव के तीन अंतिम चरण रमजान के दौरान पड़ रहे हैं।
ओवैसी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को 3 जून को पूरा होना है और अगर रमजान 5 मई से शुरू होकर 4 जून को समाप्त हो रहा है तो चुनाव आयोग के पास इस अवधि के दौरान चुनाव कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि रमजान की वजह से मतदान प्रतिशत में गिरावट आएगी।
उन्होंने कहा, मैं आपको एक मुस्लिम के तौर पर बता रहा हूं कि रजमान के दौरान मेरी आध्यात्मिकता व अल्लाह से नजदीकी बढ़ जाती है।
उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए विवाद को गलत बताया और कहा कि उन्हें अपने राजनीतिक हितों के लिए मुस्लिमों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।