नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि फसलों की कटाई, बुवाई और इससे जुड़े कार्यों को रोका नहीं जा सकता है, इसलिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी इसके लिए समुचित उपाय किए हैं और इस दौरान गरीबों व किसानों को कोई कठिनाई नहीं होने दी जाएगी।
कोरोना के प्रकोप के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा छेड़ी गई जंग में जानलेवा वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने और इससे बचाव के प्रभावी उपाय के रूप में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन कर दिया गया है, जो 14 अप्रैल तक जारी रहेगा। मगर, रबी फसल की कटाई और जायद फसल की बुवाई के सीजन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी किसानों को कृषि कार्य जारी रखने की अनुमति दी है।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने आईएएनएस से फोन पर विशेष बातचीत के दौरान कहा कि रबी फसलों की कटाई, किसानों से फसल की खरीद समेत खेती-किसानी से संबंधित सभी आवश्यक सेवाओं को चालू रखने की अनुमति दी जा चुकी है और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत की गई घोषणाओं के अनुसार 500 रुपये की पहली किस्त प्रत्येक जनधन खाताधारक महिला लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जा रही है।
कोरोना के प्रकोप से से मिल रही आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में 1.70 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की थी। इसके तहत प्रधानमंत्री जनधन योजना की महिला लाभार्थियों को 500 रुपये मासिक तीन महीने तक आर्थिक सहायता राशि उनके बैंक खाते में हस्तांतरित करने की घोषणा की गई थी।
तोमर ने कहा कि कृषि उत्पाद आवश्यक वस्तुओं के अंतर्गत आते हैं, इसलिए इनकी आपूर्ति बहाल रखने के लिए जो कुछ भी आवश्यक है, उसके लिए सरकार ने समुचित उपाय किए हैं और आगे भी कोई आवश्यकता हुई तो उसके लिए कदम उठाए जाएंगे।
तोमर ने कहा कि मौजूदा हालात में किसानों का उनकी फसल बेचने में सहूलियत प्रदान करने के लिए ई-नाम को ज्यादा प्रभावी बनाया गया है, जिससे किसानों को खुद थोक मंडी जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पर वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंग मॉड्यूल बनाया गया, जिससे अब वेयरहाउस से किसानों के उत्पादों की बिक्री होगी। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ के लिए ई-नाम पर सुविधा दी गई, जिससे वे अब एपीएमसी बाजार में अपने उत्पाद लाए बगैर अपने संग्रह केंद्र से उसे बेच सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के परिवहन को लेकर ई-नाम के माध्यम से लॉजिस्टिक्स की समस्या का भी समाधान किया गया है।
कृषि उत्पादों के निर्बाध परिवहन के लिए हाल ही में तोमर ने ई-नाम पर लॉजिस्टिक्स मॉड्यूल लांच किया, जिससे दूर-दराज के खरीददारों को ऑनलाइन परिवहन की सुविधा मिलेगी और अतंरराज्यीय परिवहन सुगम होगा।
उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई, खरीद-बिक्री और परिवहन से संबंतिधत तमाम उपाय किए गए हैं, ताकि देश में कृषि उत्पादों की आपूर्ति निरंतर हो पाए।
फसलों की कटाई, बुवाई और परिवहन के लिए उपयोग में आने वाली कृषि मशीनरी तथा उनके कलपुजरें की दुकान कों को भी गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी आदेश में लॉकडाउन के दौरान चालू रखने की अनुमति दी है। इसके अलावा, हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज को खुला रखने के साथ-साथ चाय बागानों में अकितम 50 फीसदी श्रमिकों के साथ काम करने की अनुमति दी गई है।
गेहूं, चना और सरसों समेत तमाम रबी फसलें पककर खेतों में खड़ी हैं। वहीं, जायद यानी गरमी की फसल की बुवाई का यह पीक सीजन चल रहा है।
तोमर ने कहा कि कटाई और बुवाई दोनों जरूरी है, जिसे रोका नहीं जा सकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए खेती से संबंधित कार्यों को छूट दी गई है।