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Home न्यूज़

“हर साल कम हो रही प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता”

by desk
28 July, 2016
in न्यूज़, भारत
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नई दिल्ली : देश में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता में लगातार कमी हो रही है और वर्ष 2050 तक इसके कम होकर 1140 घन मीटर प्रति वर्ष रह जाने की आशंका है। यह जानकारी जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल आयोग ने देश में औसत वार्षिक जल उपलब्धता 1869 अरब घन मीटर (बीसीएम) का आंकलन किया है। लेकिन इसके बावजूद भौगोलिक स्थितियों, जल विज्ञान तथा अन्य समस्याओं के चलते उपयोग करने योग्य अनुमानित जल लगभग 1123 बीसीएम आंका गया है जिसमें 690 बीसीएम सतही जल और 433 बीसीमए पुनर्भरणीय भूमि जल शामिल है।
बालियान ने बताया कि राष्ट्रीय एकीकृत जल संसाधन विकास आयोग ने अपनी 1999 की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया था कि वर्ष 2025 और 2050 तक विभिन्न प्रयोजनों के लिए जल की कुल आवश्यकता क्रमश: 843 बीसीएम और 1180 बीसीएम होगी। उन्होंने बताया कि बढ़ती आबादी को देखते हुए भारत में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता वर्ष दर वर्ष घटती जा रही है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1951 में 361 मिलियन आबादी पर प्रति व्यक्ति 5177 घन मीटर प्रति वर्ष जल उपलब्ध था। 2001 में यह आंकड़ा 1027 मिलियन आबादी पर 1820 घन मीटर प्रति वर्ष तथा वर्ष 2011 में 1210 मिलियन आबादी पर 1545 घन मीटर प्रति वर्ष रह गया।
बालियान ने बताया कि वर्ष 2025 में 1394 मिलियन अनुमानित आबादी पर केवल 1341 घन मीटर प्रति वर्ष पानी ही उपलब्ध हो पाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2050 में तो यह और कम होकर एक अनुमान के अनुसार 1640 मिलियन आबादी पर 1140 घन मीटर प्रति वर्ष रह जाएगा।
बालियान ने बताया कि जल की कमी के संबंध में फालकेनमार्क सूचकों के अनुसार प्रति व्यक्ति 1700 घन मीटर से कम की प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता को जल की कमी की अवस्था माना जाता है जबकि 1000 घन मीटर से कम प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता को जल की अधिक कमी माना जाता है।

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