नई दिल्ली : केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार ने बहुत खुशखबरी दी है। केंद्रीय सरकारी कमिर्यों के वेतन-भत्तों और पेंशन मानों में संशोधन के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कुछ और बढ़त के साथ मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर मोदी सरकार ने आखिरकार अपनी मुहर लगा दी। बुधवार सुबह कैबिनेट की साउथ ब्लॉतक में हुई बैठक के दौरान आयोग की सिफारिश को मंजूर कर लिया गया। सिफारिश मंजूर होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में करीब 23 फीसदी का इजाफा हो गया है। सरकार ने भत्ता सहित औसतन 23.55 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सिफारिश की है। यह फैसला पहली जनवरी 2016 से ही प्रभावी होगा। कर्मचारियों के वेतन में तीन फीसदी की सालाना बढ़ोतरी को बरकरार रखा गया है। इस फैसले से 98.4 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा, साथ ही 52 लाख पेंसिओंभोगियों को भी लाभ मिलेगा ।
कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार के कई मंत्रियों के अलावा वित्तं मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, अब सिफारिशों पर मुहर लगने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी और एरियर का लाभ मिलेगा। पीएम ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय से सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट मांगी थी। नया वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। यानी सभी केंद्रीय कर्मचारियों को छह महीने का एरियर भी मिलेगा।
यह कहा जा रहा है कि जुलाई में मिलने वाले वेतन में बढ़ा वेतन और पूरा एरियर दे दिया जाएगा। वेतन वृद्धि के इस ऐलान के बाद 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 58 लाख पेंशनधारियों के हाथों में ज्यादा पैसा आएगा। वेतन वृद्धि से रियल एस्टेट सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी उछाल आएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक जहां वेतन आयोग ने कर्मचारियों के लिए न्यूनतम 18000 रुपये और अधिकतम 225000 रुपये (कैबिनेट सचिव और इस स्तर के अधिकारी के लिए 250000 रुपये) की सिफारिश की थी वहीं, सचिवों की अधिकार प्राप्त इस समिति ने इसमें 18-30 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही है। यानी 18000 रुपये के स्थान पर करीब 27000 रुपये और 225000 के स्थान पर 325000 रुपये करने की सिफारिश की है।