कृष्णमोहन राव ( वरिष्ठ पत्रकार )प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई देशवासियों के अथक और सामूहिक प्रयासों की परिचायक है। उन्होंने कहा कि किस प्रकार देशवासियों ने गंभीर चुनौतियों का सामना किया और कोरोना को उतनी तेजी से फैलने नहीं दिया जितनी तेजी से यह दुनिया के अन्य भागों में फैला। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की मृत्युदर भारत में बहुत कम है।प्रधानमंत्री ने लोगों में सेवा की भावना की सराहना करते हुए इसे देश की सबसे बड़ी शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि सेवा परमो धर्म: में ही जीवन का सुख और संतोष है और ये भारत की जीवन शैली है। देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ, एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है – वो है – देशवासियों की सेवाशक्ति। वास्तव में, इस माहामारी के समय, हम भारतवासियों ने ये दिखा दिया है, कि सेवा और त्याग का हमारा विचार, केवल हमारा आदर्श नहीं है, बल्कि, भारत की जीवनपद्धति है, और हमारे यहाँ तो कहा गया है – सेवा परमो धर्म:। सेवा स्वयं में सुख है, सेवा में ही संतोष है। श्री मोदी ने कहा कि देश के सभी भागों से महिला स्वयं सहायता समूहों के शानदार कार्यों की भी सैंकड़ों गाथाएं सामने आ रही हैं। महामारी के कारण लोगों के कष्टों और समस्याओं पर अपनी पीड़ा साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस ने समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया, लेकिन सबसे बड़ी मार गरीब मजदूरों और कामगारों पर पड़ी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र, राज्य तथा सभी स्थानीय निकाय उनकी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। प्रधानमंत्री ने लाखों मजदूरों को ट्रेनों और बसों से सकुशल उनके घरों तक ले जाने में दिन-रात लगे कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने मजदूरों के लिए हर जिले में भोजन और क्वारंटीन की व्यवस्था कर रहे लोगों की भी प्रशंसा की। ये दुनिया के हर कोरोना प्रभावित देश में हो रहा है और इसलिए भारत भी इससे अछूता नहीं है। हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द और उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती। हममें से कौन ऐसा होगा जो उनकी और उनके परिवार की तकलीफों को अनुभव न कर रहा हो। हम सब मिलकर इस तकलीफ को इस पीड़ा को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य हम सब के लिए सबक के साथ-साथ भविष्य की नीति तय करने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि हमारे श्रमिकों की पीड़ा में हम देश के पूर्वी हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं। श्री मोदी ने पूर्वी क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में देश के विकास को रफ्तार देने की क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र का विकास ही देश के संतुलित आर्थिक विकास की ओर ले जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय की सबसे बड़ी जरूरत यह है कि हम नये समाधान खोजें। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस दिशा अनेक कदम उठाये हैं। श्री मोदी ने बताया कि केन्द्र ने हाल ही में कुछ ऐसे निर्णय लिये है, जिनसे ग्रामीण रोजगार, स्व-रोजगार और लघु उद्योगों के लिए नये अवसर खुले हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आत्मनिर्भर भारत अभियान देश को इस दशक में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। तमाम चुनौतियों के बीच मुझे खुशी है कि आत्मनिर्भर भारत पर आज देश में व्यापक मंथन शुरू हुआ है। लोगों ने अब इसे अपना अभियान बनाना शुरू किया है। इस मिशन का नेतृत्व देशवासी अपने हाथ में ले रहे हैं। बहुत से लोगों ने तो यह भी बताया कि उन्होंने जो जो सामान उनके इलाके में बनाये जाते हैं, उनकी एक पूरी लिस्ट बना दी है। ये लोग अब इन लोकल प्रोडेक्ट्स को ही खरीद रहे हैं और वोकल फोर लोकल को प्रमोट भी कर रहे हैं। मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले इसके लिए सब कोई अपना-अपना संकल्प जता रहा है। |