नई दिल्ली : मशहूर साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका महाश्वेता देवी का आज निधन हो गया। वह 90 वर्ष की थीं। पिछले काफी समय से कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उन्हें लंबे समय से गुर्दे की और रक्त संक्रमण की समस्या थी।
महाश्वेता देवी ज्ञानपीठ, पद्मश्री और मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित थीं। तीन दशक से ज्यादा समय तक वह आदिवासियों के बीच काम करती रहीं। उनके साहित्य का काफी हिस्सा आदिवासियों के जीवन पर आधारित था। यूं तो महाश्वेता देवी बांग्ला में उपन्यास लिखा करती थीं लेकिन अंग्रेज़ी, हिंदी और अलग अलग भाषाओं में अनुवाद के ज़रिए उनके साहित्य की पहुंच काफी व्यापक स्तर पर थी। उनके लिखे उपन्यासों पर कई फिल्में बनी हैं मसलन ‘हज़ार चौरासी की मां’ पर फिल्मकार गोविंद निहलानी ने फिल्म बनाई है। इसके अलावा ‘रुदाली’, ‘संघर्ष’ और ‘माटी माय’ भी ऐसा सिनेमा है जो महाश्वेता के उपन्यासों पर आधारित है।