लखनऊ : मंगलवार को पीएम मोदी यूपी की राजधानी लखनऊ में विजयादशमी मनाएंगे. पीएम के इस कार्यक्रम को जहां विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी की राजनीति करार दे रहे हैं वहीं बीजेपी का कहना है कि मोदी के ऐशबाग दशहरा मेले में शामिल होने के पीछे कोई राजनीति नहीं है.
इसे लेकर बीजेपी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लखनऊ आकर दशहरा मेले में शामिल होने के पीछे कोई ‘राजनीति’ या ‘मंतव्य’ नहीं है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं लखनऊ के महापौर डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि रावण पहला आतंकी था और उसका विरोध करने के लिए आज तक उसका पुतला हम जलाते हैं. ये विचार भारत का है. उसी का प्रतिपादन करने प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं.
मोदी के लखनऊ आकर दशहरा मनाने को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़ने और राजनीतिक लाभ लेने के विरोधी दलों के आरोपों की ओर ध्यान दिलाये जाने पर डॉ शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के लखनऊ स्थित ऐशबाग के अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक दशहरा मेले में शामिल होने के पीछे ना तो कोई राजनीति है और ना ही कोई मंतव्य. उन्होंने कहा कि यह उनकी (मोदी) श्रद्धा और अस्था का प्रतीक है. गंगा जमुनी सभ्यता के प्रतीक स्थल के प्रति नमन का भाव है.
ऐशबाग रामलीला समिति के संरक्षक डॉ शर्मा ने कहा कि आतंकवाद का विनाश करने वाले मर्यादा पुरूषोत्तम राम पहले आतंकी का वध करने वाले थे. उन्हीं की वधलीला देखने प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं. ये पूरी तरह परंपरागत कार्यक्रम है और इस तरह के कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री जाते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले मोदी के दशहरा मेले में शामिल होने को लेकर विपक्षी दलों की ओर उंगली उठाये जाने के बारे में सवाल किये जाने पर शर्मा ने कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री और देशवासियों को भी पता है कि रावण तो कई हजार साल पहले मरा था. उत्तर प्रदेश चुनाव तो अब आ रहा है. रावण वध का एक तय समय होता है. तारीख तय होती है. उत्सव होता है. प्रधानमंत्री उसमें जाते हैं और ‘‘जो लोग उसमें राजनीति जोड़ते हैं वे पहले अपनी स्थिति देखें.’’
इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर महापौर ने कहा कि मायावती का कुनबा बिखर रहा है. एसपी पारिवारिक विग्रह में है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. ये उनका दायित्व है कि वे अपने घर को संभालेंगे. उन्होंने कहा कि मोदी का ऐशबाग दशहरा मेला में शामिल होना पूरी तरह ‘गैर राजनैतिक’ कार्यक्रम है और इसका राजनीति से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है.
इससे पहले डॉ शर्मा ने कहा कि ऐशबाग रामलीला समिति की ओर से पिछले सत्तर साल से देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को आमंत्रण पत्र जाता रहा है. प्रसन्नता इस बात की है कि प्रधानमंत्री को हमेशा की तरह आमंत्रण पत्र पहुंचा और लीक से हटकर बगैर किसी संवाद के उन्होंने इस ऐतिहासिक दशहरे को देखने के लिए समय दिया.
गौर हो कि पहले के प्रधानमंत्री आम तौर पर नयी दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में होने वाले दशहरा मेला में शामिल होते आये हैं. शर्मा ने बताया कि ऐशबाग रामलीला मैदान में 25 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है. बाहर की भीड जोडें तो लगभग सवा लाख लोग हो जाते हैं. सब लोगों का मैदान में बैठना संभव नहीं है, इसलिए दर्जन भर एलसीडी वैन और मैदान के आएसपीस की जगहों पर तीन दर्जन से अधिक एलसीडी स्क्रीन लगाये गये हैं ताकि प्रधानमंत्री के उद्बोधन को जनता सीधे देख सके.
उन्होंने ने बताया कि प्रधानमंत्री शाम छह बजे अमौसी एयरपोर्ट से सीधे ऐशबाग रामलीला मैदान पहुंचेंगे. वह दस मिनट भाषण करेंगे. राम जी की आरती करंगे. मंगलाचरण होगा. इस मौके पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री भी मौजूद रहेंगे. प्रधानमंत्री को पारंपरिक गदा, रामचरितमानस की प्रति, कवच, तीर धनुष, सुदर्शन चक्र भेंट किया जाएगा. कल केवल रावण लीला का कार्यक्रम होगा. मेघनाथ और कुंभकरण लीला आज ही संपन्न हो जाएगी.
प्रधानमंत्री के स्वागत में हवाई अड्डे से रामलीला मैदान तक सड़क के दोनों ओर केसरिया झंडे और बैनर लगाये गये हैं. प्रधानमंत्री की अगवानी स्थानीय सांसद गृह मंत्री राजनाथ सिंह स्वयं करेंगे. गृहमंत्री आज शाम ही लखनऊ पहुंच रहे हैं.
डॉ शर्मा ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस रामलीला मैदान में ही की, जहां कल मोदी पहुंच रहे हैं. मैदान के भीतर और बाहर चप्पे-चप्पे पर बडी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं. एसपीजी ने कार्यक्रम स्थल को अपने कंट्रोल में ले लिया है. प्रदेश पुलिस के अलावा बडी संख्या में केन्द्रीय बलों की तैनाती की गयी है. बम निरोधक दस्ता और अग्निशमन की तमाम गाडियां मौके पर तैनात हैं. त्वरित कार्रवाई बल और अन्य विशेष बल भी तैनात किये गये हैं.