डेस्क : तेजस्वी यादव ने गाजीपुर मैदान में हुई सभा में बिहार सरकार की आलोचना करते हुए उसे सभी मोर्चों पर विफल बताया। उन्होंने कहा कि जनता बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा महंगाई और भुखमरी से कराह रही है और सरकार चैन की बंसी बजा रही है।
कोरोना काल में दूसरे राज्यों से आने वाले बिहार के मजदूरों को रोका जा रहा था। कोरोना वायरस से कहीं अधिक लोग रास्ते में भूख-प्यास तथा दुर्घटना में मारे गए और बिहार के मुख्यमंत्री 144 दिनों तक अपने घर से नहीं निकले। गाजीपुर की सभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि हमारी सरकार बनते ही हम 10 लाख युवाओं को रोजगार देंगे। इसके साथ ही बुजुर्गों की पेंशन राशि 1000 करेंगे।
तेजस्वी ने अपनी उपलब्धियों के बारे में भी जनता को बताया और कहा कि सूबे में पहला डबल डेकर पुल छपरा में पास कराया। विशेष राज्य का दर्जा के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही। उन्होंने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका से आकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं न दे देंगे।
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोहतास के तीन विधानसभा क्षेत्रों दिनारा, करगहर और राजपुर में चुनावी सभाएं कर अपने 15 वर्षों के कार्यकाल को विकट परिस्थितियों में किए गए विकास का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि 15 वर्षों के शासन में हर पांच वर्ष के बाद दुगने विकास हुए हैं।
आम आदमी की जरूरत से जुड़ी हर सुविधाओं के लिए सड़क-बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य पर सरकार ने अपनी योजनाओं को फोकस किया। जिसका नतीजा है कि हम हर गांव को सड़क देने और राज्य के दस लाख युवक युवतियों को रोजगार देने में सफल रहे।
नीतीश कुमार ने हर घर को मिली बिजली को सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक बताया। साथ ही यह भी कहा कि पंचायत राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार ने आधी आबादी की भागीदारी को समाज में और मजबूत किया है। अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्यों पर फोकस कर कहा कि हमारी सरकार जाति धर्म में विभेद नहीं करती। हमारा एक मात्र लक्ष्य न्याय के साथ विकास है।