Rajpath Desk : शिक्षा विभाग ने राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया एवं सेवा शर्त आदि नियमावली तय कर दी है। इस नयी नियमावली में कुछ नयी बातें जोड़ी गयी हैं। इसमें साफ किया गया है कि शिक्षक किसी भी रूप में किसी भी दल के सदस्य या संगठन से संबंधित भी नहीं हो सकते हैं।
वहीं खिलाड़ियों के लिए उन्हें शारीरिक शिक्षक नियुक्ति में वेटेज दिया जाएगा। इसके अलावा अनुकंपा नियुक्ति के वर्तमान नियमावली में कुछ शिथिलता दिये जाने के संकेत भी नियमावली में दिये गये हैं। प्रशासी विभाग को यह तय करने की जिम्मेदारी दी गयी है। अब नियोजित शिक्षक प्रधान अध्यापक भी बनाये जा सकेंगे। इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
आचार संहिता
- बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित न करना।
- परीक्षा संचालन के लिए बिहार परीक्षा समिति के आदेशों का पालन करना।
- किसी भी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले संगठन का शिक्षक सदस्य नहीं हो सकता है।
- अंतर जिला स्थानांतरण
नियोजित शिक्षकों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण के रास्ते खोल दिए गए हैं। दिव्यांग और महिला शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष के तबादले अंतर जिला स्तर पर हो सकेंगे।
- वित्तीय अनियमितता और गंभीर आरोपों के मद्देनजर भी तबादला किया जा सकेगा।
- विषय विसंगति और शिक्षक अनुपात संतुलित करने के लिए भी शिक्षकों का तबादला किया जा सकेगा।
- प्रधानाध्यापक और पुस्तकालयाध्यक्ष सेवा के तीन सालों के बाद एच्छिक तबादला ले सकेंगे।
इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं को दस अंकों का अतिरिक्त वेटेज दिया जायेगा। अतिथि शिक्षकों के रूप में एक साल की नौकरी करने वाले अभ्यर्थी को पांच अंक का अतिरिक्त वेटेज दिया जायेगा।