मुंबई : टाटा संस के चेयरमैन से छुट्टी के बाद टाटा की दूसरी कंपनियों से भी सायरस मिस्त्री को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई. कल टीसीएस से उन्हें हटाया गया तो आज टाटा स्टील के बोर्ड की बैठक में उनपर फैसला होगा. इस बीच टाटा संस ने चिट्ठी लिखकर सायरस पर आरोपों की बौछार कर डाली है
टाटा संस में रतन टाटा और सायरस मिस्त्री की जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. टाटा संस ने 9 पन्नों की एक चिट्ठी लिखकर ये साबित करने की कोशिश की है कि क्यों सायरस मिस्त्री को हटाना जरूरी था.
टाटा संस का आरोप है कि सायरस मिस्त्री के 4 साल के कार्यकाल में हर मोर्चे पर प्रदर्शन खराब रहा है. टीसीएस के अलावा बाकी 40 कंपनियों से टाटा संस को मिलने वाला लाभांश 2012-13 में 1000 करोड़ रुपये था जो 2015-16 में घटकर 780 करोड़ रुपये रह गया.
इसमें भी 100 करोड़ रुपये वो हैं जो 2016-17 में मिलने थे. मतलब ये कि इन कंपनियों के मुनाफे में कमी आय़ी. आमदनी घटने के बावजूद टाटा संस के कर्मचारियों पर खर्च 2012-13 के 84 करोड़ रुपये से बढ़कर 2015-16 में 290 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
समूह का कर्ज पिछले चार साल में 69 हजार 877 करोड़ रुपये से बढ़कर सवा दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. टाटा मोटर्स की पैसेंजर कार बाजार में हिस्सेदारी मार्च 2013 के 13 फीसदी से घटकर 5 फीसदी रह गयी.
इससे पहले कल टाटा ग्रुप ने अपनी कंपनियों से साइरस मिस्त्री को हटाने की कवायद शुरू कर दी. टाटा समूह की प्रमुख कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज TCS ने स्टॉक एक्सचेंज को नोटिस भेजकर जानकारी दी
टाटा संस के बोर्ड ने सायरस मिस्त्री को टीसीएस के चेयरमैन पद से हटा दिया है. इशात हुसैन ग्रुप के नए चेयरमैन की नियुक्ति तक टीसीएस के चेयरमैन का पद संभालेंगे. यही नहीं टाटा समूह की कंपनी इंडियन होटल्स ने भी स्टॉक एक्सचेंज को चिट्ठी लिखकर जानकारी दी है.
टाटा सन्स ने मिस्त्री को कंपनी के निदेशक पद से हटाने का प्रस्ताव पारित करने के लिए शेयरधारकों की विशेष बैठक बुलाने का नोटिस दिया है. बहरहाल, पूरे मामले में एक नया मोड़ शाम को आया को जब टाटा केमिकल्स के निदेशक बोर्ड में शामिल सभी स्वतंत्र निदेशकों ने बतौर चेयरमैन साइरस मिस्त्री में पूरा विश्वास जताया.. अब सब की नजर शुक्रवार को होने वाली टाटा स्टील के निदेशक बोर्ड की बैठक पर है. इस कंपनी के चेयरमैन भी साइरस मिस्त्री हैं जबकि रतन टाटा एमिरेट्स चेयरमैन हैं .