नई दिल्ली : सड़क दुर्घटना की रोकथाम को लेकर सरकार के लचीले रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई है. मामला सड़क पर खड़ी होकर दुर्घटना की वजह बनने वाली गाड़ियों से जुड़ा है. 2013 में दाखिल याचिका पर अभी तक केंद्र ने जवाब दाखिल नहीं किया है. केंद्र सरकार को इस पर कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 25 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया है.
सरकार पर निशाना साधते हुए चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आप सवाल उठाते हैं कि हम तेज़ी से काम नहीं करते. लेकिन आप खुद क्या कर रहे हैं? आपके पास इतना बड़ा सरकारी अमला है और 3 साल से जवाब नहीं दाखिल कर पा रहे हैं. बेंच ने कहा कि हज़ारों लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. आप गैर-ज़िम्मेदाराना रवैया अपनाए हुए हैं.
2013 में एनजीओ सेव लाइफ फाउंडेशन ने याचिका दाखिल कर लोहे के सरिये ढोने वाले ट्रकों का मसला उठाया था. याचिका में कहा गया था कि ट्रकों से बाहर निकलने वाले सरियों बड़े पैमाने पर दुर्घटना की वजह बनते हैं. बाद में सरकार ने उस नियम को रद्द कर दिया था जिसमें ट्रकों से 1 मीटर बाहर तक सरिए बाहर रखने की इजाज़त दी गई थी. इस वजह से इस मसले पर सुनवाई की ज़रूरत नहीं रह गई.
हालांकि, इसी याचिका में सड़क किनारे खड़े ट्रकों और दूसरी गाड़ियों का भी मसला उठाया गया था. ऐसी गाड़ियों से होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में बताया गया था. इन्हें लेकर गाइडलाइंस बनाने को लेकर सरकार को जवाब देना था. लेकिन ये जवाब अभी तक नहीं आया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है.