नई दिल्ली : इसी साल 11 से 13 मार्च तक दिल्ली के यमुना तट पर आयोजित किए गए श्रीश्री रविशंकर की संस्था ऑर्ट ऑफ लिविंग के विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम से यमुना तट को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. ये बात एनजीटी की तरफ से गठित 3 सदस्यीय कमिटी ने कही है.
कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में एनजीटी को बताया है कि श्रीश्री रविशंकर के कार्यक्रम को लेकर जिस तरह से वहां इंतज़ाम किए गए थे उससे पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंचा है और इस नुकसान की भरपाई करना भी आसान नहीं होगा. इस नुकसान की भरपाई करने में 10 साल का वक्त लग सकता है.
एनजीटी ने तीन सदस्यीय कमिटी का गठन उसी दौरान किया था, जब श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी ही चल रही थी और एनजीटी ने कार्यक्रम के आयोजन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई चल रही थी.
तीन सदस्यीय विशेषज्ञ कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में यमुना तट को होने वाले नुकसान के अलग अलग पहलुओं का जिक्र किया है. कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब श्रीश्री रविशंकर का ये आयोजन होना था, कमिटी ने उसके कुछ महीनों पहले उस जगह का दौरा किया था उस दौरान वहां पर हरियाली, फल फूल और यमुना तट की उपजाऊ जमीन थी.
कमिटी ने कहा कार्यक्रम की तैयारी के दौरान उस जमीन पर फल-फूल को हटा दिया गया, पानी के श्रोतों को भर दिया गया, स्टेज और अन्य अस्थाई निर्माण कर दिया गया, पॉनटून पुल बनाया गया जिसमें लोहे का इस्तेमाल किया गया, कार्यक्रम स्थल तक आने के लिए सड़क का निर्माण कर दिया गया.
कमिटी ने कहा कि इस निर्माण की वजह से यमुना तट पर भारी मात्रा में प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले सामान का इस्तेमाल किया और जो कार्यक्रम के बाद तक वहां पर पड़ा रहा. पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है और इससे यमुना किनारे बसी वन संपदा को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया.
कमिटी ने रिपोर्ट में ये भी कहा है कि अब जरुरत इस बात की है कि यमुना किनारे कि इस ज़मीन को उसी स्वरुप में वापस लाया जाए जैसी वो कार्यक्रम शुरु होने के कुछ महीनों पहले तक थी. कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में ये सुझाव भी दिया है कि कैसे यमुना किनारे की जमीन को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकती है.
एनजीटी की तरफ से गठित विशेषज्ञों की कमिटी की रिपोर्ट अब एनजीटी के सामने आ चुकी है और इस रिपोर्ट में यमुना तट को हुए नुकसान का जिक्र भी है लेकिन इस नुकसान की भरपाई मे कितनी लागत लगेगी इस बात का अंदाज़ा इस रिपोर्ट में नहीं लगाया गया है.