नई दिल्ली : बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य नेताओं को नोटिस जारी कर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की उस अर्जी पर जवाब तलब किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी और असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से कुछ दस्तावेज मांगे हैं.
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने सोनिया और राहुल के अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को भी नोटिस जारी कर उनसे दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. अदालत अब मामले की अगली सुनवाई चार अक्टूबर को करेगी.
अपनी अर्जी में स्वामी ने कांग्रेस की ओर से नेशनल हेराल्ड की होल्डिंग कंपनी एजेएल को दिए गए कर्ज से जुड़े दस्तावेजों की मांग करते हुए कहा है कि इस मामले में सुनवाई के मकसद से इन दस्तावेजों को हासिल करना जरूरी है. स्वामी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) से भी कुछ ऐसे दस्तावेज मांगे हैं जो एजेएल की ओर से दाखिल किए गए थे. उन्होंने आयकर विभाग से भी एजेएल की ओर से दाखिल किए गए आयकर रिटर्न से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं.
बीजेपी नेता ने कांग्रेस पार्टी से उन दस्तावेजों की भी मांग की है, जिससे एजेएल को दिए गए कर्ज की जानकारी मिले और जिससे उस साल के बारे में भी पता चले, जिसमें कर्ज माफ किया गया. स्वामी ने एजेएल की ओर से आरओसी में दाखिल दस्तावेजों और डीओटी से भी कुछ दस्तावेजों की मांग की है.
बीजेपी सांसद ने यह अर्जी तब दाखिल की जब दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को दरकिनार कर दिया, जिसमें 2010-2011 की कांग्रेस पार्टी की बैलेंस शीट और दस्तावेज मांगे गए थे. हाईकोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर आदेश पारित किया और निचली अदालत का आदेश ‘नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत’ और संविधान द्वारा दिए गए जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन है.