नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को आपात दर कटौती की घोषणा की। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कदम की प्रशंसा की और कहा कि खुदरा ऋण की कम लागत और घटी ब्याज दर को तत्काल जनता तक पहुंचाने की जरूरत है।
सीतारमण ने ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा कि टर्म-लोन की किस्तों के भुगतान और कामकाजी पूंजी पर ब्याज को तीन महीने के लिए स्थगित करने से कोरोनावायरस के भय के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोगों को एक बड़ी राहत मिलेगी।
वित्तमंत्री ने कहा, वित्तीय स्थिरता पर आरबीआई के शक्तिकांत दास के आश्वासन भरे शब्द सराहनीय हैं। टर्म लोन की किश्तों के भुगतान और कामकाजी पूंजी पर ब्याज के भुगतान पर तीन महीने की रोक से अत्यावश्यक राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने शुक्रवार को रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती कर उसे 4.4 प्रतिशत कर दिया। अक्टूूबर 2019 की मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद रेपो रेट में यह पहली कटौती है।
यह मौद्रिक नीति समीक्षा पहले 31 मार्च और तीन अप्रैल को होने वाली थी, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण इसे 24, 26 और 27 मार्च को आयोजित करनी पड़ी।
चूंकि आरबीआई ने ब्याज दर में कटौती की है, लिहाजा बैंकों के पास अब खुदरा ऋण पर ब्याज दर घटाने का अवसर है। इससे आम आदमी और कारोबारी को मदद मिलेगी।
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