नई दिल्ली : यूपी चुनावों के मद्देनजर शिवपाल यादव ने आज राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात की. वह 5 नवंबर को लखनऊ में होने वाले सपा की रजत जयंती पर आने का न्योता देने पहुंचे. शिवपाल यादव के साथ उनके बेटे आदित्य यादव भी मौजूद थे। हालांकि बैठक में अजित के बेटे जयंत सिंह शामिल नहीं थे। यह मुलाकात काफी सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई.
अजीत सिंह से मुलाकात के बाद शिवपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम यह नहीं चाहते हैं कि भाजपा जैसी शक्तियां उत्तर प्रदेश में मजबूत हों, इसलिए हम प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष और लोहियावादियों को साथ लाना चाह रहे हैं. अजीत सिंह ने भी इस मुलाकात के बारे में बोलते हुए शिवपाल यादव की बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि शिवपाल जी ने हमें रजत जयंती समारोह के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें हम जरूर जाएंगे। महागठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे राजनीतिक और पारिवारिक संबंध हैं। कई मुद्दों पर बातचीत हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, इसे आने वाले चुनावों के लिए महागठबंधन की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. इसे लोहियावादी ताकतों को एकजुट करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि सपा में छिड़े संग्राम के बीच मुलायम और शिवपाल यादव ने अब विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गठजोड़ बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. उनका कहना है कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए सबको साथ आना पड़ेगा.
5 नवंबर को समाजवादी पार्टी अपना रजत जयंती मना रही है और मुलायम सिंह 25 साल के जश्न को एक राजनीतिक मंच बनाने की तैयारी कर रहे हैं. बहाना 5 नवंबर के 25 साला जलसे का है, लेकिन मुलायम और शिवपाल अब गैरबीजेपी-गैरबीएसपी दलों को जोड़ने की कवायद में लग गए हैं. लोहियावादी नेताओं और चरण सिंह के वारिसों को जोड़ा जा रहा है.
इस रणनीति के तहत बुधवार शाम शिवपाल यादव पहले जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी से मिले और फिर रात में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से. मुलाकात के बाद केसी त्यागी ने कहा कि शिवपाल ने नीतीश कुमार से बात की है. हम चाहेंगे कि बिहार की तर्ज पर समान विचारधारा वाले नेता साथ आएं. मुझे खुशी है कि मुलायम परिवार के अंदर से गठजोड़ की बात उठ रही है. अगर बातचीत होती है तो हम इस दिशा में सकरात्मक कदम आगे बढ़ाने को तैयार हैं.