मुंबई : मुंबई की विवादित आदर्श सोसायटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए मुंबई में विवादित आदर्श सोसायटी इमारत का कब्जा हासिल करने और सुरक्षा करने के लिए कहा है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्र सुनिश्चित करे कि आदर्श सोसायटी में कोई तोड़फोड़ ना हो।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सोसायटी के बाहर सुरक्षा गार्ड्स को हटाने, सोसायटी के अंदर कोई भी दाखिल नहीं होने, आखिरी फैसला होने तक सोसायटी के सभी फ्लैट अपने कब्जे में लेकर सुरक्षित रखने का भी निर्देश दिया है। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम इमारत की रक्षा करेंगे और कोई तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के कोलाबा में आदर्श हाउसिंग सोसायटी बनाई थी। यह 31 मंजिला पौश इमारत युद्ध में मारे गए सैनिकों की विधवाओं और भारतीय रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए बनाई गई थी। सोसायटी बनने के कुछ सालों बाद एक आरटीआई से यह खुलासा हुआ कि तमाम नियमों को ताक पर रख सोसायटी के फ्लैट ब्यूरोक्रैट्स, राजनेताओं और सेना के अफसरों को बेहद कम दामों में बेचे गए।
इस घोटाले का पर्दाफाश 2010 में हुआ। इस मामले में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हान को इस्तीफा देना पड़ा। मामले की जांच के लिए 2011 में महाराष्ट्र सरकार ने दो सदस्यीय न्यायिक कमिशन का गठन किया। इसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस जेए पाटिल ने की। 2 साल तक इस समिति ने 182 से ज्यादा गवाहों से पूछताछ की और अप्रैल 2013 में अपनी रिपोर्ट सौंपी।