नई दिल्ली : दलितों के खिलाफ अत्याचार के तेजी से बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने अपने कामकाज में स्वायतता की मांग की है. आयोग के अध्यक्ष पी. एल. पुनिया ने कहा कि आयोग दलितों के खिलाफ अत्याचार के सभी मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और दलितों के खिलाफ अत्याचार में अचानक तेजी आयी है. ऐसे में आयोग को उसके कामकाज में स्वायतता और स्वतंत्रता दिए जाने की जरूरत है.
आयोग ने अपनी तीन रिपोर्ट सौंपी. 2015-2016 के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की वाषिर्क रिपोर्ट, अनुसूचित जाति उप योजना-2016 के तहत निधि के प्रभावी प्रयोग पर रिपोर्ट तथा तमिलनाडु में कुरावन समुदाय के साथ होने वाले अत्याचार पर रिपोर्ट-2016. पुनिया ने बताया कि इन रिपोट में हमने मांग की है कि आयोग के निष्कर्ष को अनिवार्य किया जाए क्योंकि यह दलितों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण है. पुनिया राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दी गयी कार्रवाई रिपोर्ट के साथ संसद में रखी जाएंगी.