मुजफ्फरपुर बिहार की रहने वाली सौम्या ज्योत्स्ना को प्रतिष्ठित दसवीं लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसटिविटी 2020 अवॉर्ड मिला है। लेखन के क्षेत्र में सौम्या तीन वर्षों से समर्पित हैं और उन्होंने यह अवार्ड अपनी मां को समर्पित किया है। साथ ही वे अपनी उपलब्धि से बहुत खुश हैं।
सौम्या ज्योत्स्ना को उनके लिखे ब्लॉग “गंदे और बिन पानी के शौचालयों की वजह से मेरी दोस्त को यूटीआई हो गया” के लिए प्रतिष्ठित दसवीं लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसटिविटी 2020 अवार्ड मिला है। उन्होंने इस लेख को यूथ की आवाज पर प्रकाशित किया था। इस लेख में उन्होंने महिलाओं की समस्या को उठाया है जिससे वे हमेशा गुजरती हैं। उनका यह लेख 6 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित हुआ था।
प्रभात खबर की सप्ताहिक पत्रिका सुरभि में प्रकाशित लेख के लिए सौम्या ज्योत्स्ना को प्रतिष्ठित दसवीं लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसटिविटी 2020 अवॉर्ड मिला है।
सौम्या को 2 कैटेगरी में अवार्ड मिले हैं। इसकी घोषणा आयोजक संस्था पापुलेशन फसर्ट यूएनएफपीए ने ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए यूट्यूब द्वारा दी।
13 अक्टूबर 2019 को प्रकाशित सौम्या ज्योत्सना को उनके लेख “इज्जत और मर्दानगी के सही मायने” के लिए यह अवार्ड मिला है। इस बार उनकी झोली में दो अवार्ड आए हैं, जिसमें ब्लॉग और प्रिंट कैटेगरी शामिल है। सौम्या ज्योत्स्ना राजपथ पर भी लेखन के साथ-साथ पब्लिशिंग का काम करती हैं। राजपथ टीम उन्हें बधाई देता है कि वे हमेशा आगे बढ़ें और मीडिया के क्षेत्र में नित नए किर्तीमान स्थापित करें।
लाडली मीडिया अवार्ड पत्रकारिता में अपने पेशे के प्रति सच्चे और संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे लोगों को दिया जाता है। पोपुलेशन फर्स्ट की निदेशक एआई शारदा ने बताया कि लाडली मीडिया अवार्डस यह साबित करता है कि सबसे खराब परिस्थितियों और मुश्किल समय में एक आशा है। वे कई पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के लिए रोल मॉडल हैं। इस बार 75 मीडियाकर्मियों को पुरस्कार और 18 को ज्युरी प्रशंसापत्र दिया गया है। बताया गया कि इस बार पूरे भारत से 10 भाषाओं में 1100 से ज्यादा प्रविष्टियां आईँ थीं।