नई दिल्ली : 10 रुपये के सिक्कों के बंद होने की अफवाह ने लोगों को परेशान कर दिया है. पहले नॉएडा और अब दिल्ली में न तो दुकानदार 10 रुपये का सिक्का ले रहे हैं और न आम जनता ले रही है. लोगों का आरोप है कि बैंकों ने भी 10 के सिक्के को लेने से मना कर दिया है जिससे अफवाहों को और ज्यादा मज़बूती मिल रही है.
10 रुपये के सिक्के ना चलने की अफवाह ज़बरदस्त तरीके से फैली है. अफवाह किसने फैलायी ये तो नहीं पता लेकिन दुकानदारों का कहना है कि उनके पास 10 रुपये के ढेरों सिक्के जमा हो गए हैं. ना तो लोग और ना ही बैंक ही 10 रुपये के इन सिक्कों को ले रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल फिरोज़ाबाद में भी है. 10 रुपये के सिक्के के ना चलने से दुकानदार और आम लोगों दोनों ही परेशान हैं. छोटे-बड़े दुकानदार से लेकर रिक्शेवाले भी 10 रुपये का सिक्का लेने से मना कर रहे हैं.
लोगों का आरोप है कि बैंकों ने भी 10 रुपये का सिक्का लेने से मना कर दिया है जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ गयी है. कहा जा रहा है कि बाज़ार में 10 रुपये के नकली सिक्के आ गए हैं जिसका नतीजा ये हुआ है कि जिनके पास 10 रुपये के सिक्के ज्यादा हैं वो परेशानी में फंस गए है.
कुछ समाजसेवी लोगो को समझा भी रहे हैं की 10 रुपये के सिक्के का इस्तेमाल पूरे तरीके से वैध है और अफवाहों पर ध्यान न दिया जाये लेकिन फिर भी बाज़ार में 10 रुपये का सिक्का चलाने में लोगो दिक्कत सामने आ रही है.
हकीकत यह हैं कि 10 रुपये का सिक्का सही है और इसके इस्तेमाल में कोई परेशानी नहीं है. ये भारत सरकार द्वारा मान्य है अफवाहों पर ध्यान न दिया जाये. जो कोई सिक्के लेने से इंकार करता है उसके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए.
आरबीआई ने भी इस विवाद पर कहा है कि 10 रुपये का सिक्का पूरी तरह वैध है, ये बंद नहीं हुआ है और ना ही इसे बंद करने का आरबीआई का कोई इरादा है, 10 रुपये का सिक्का बंद होने के बारे में खबरें पूरी तरह निराधार और झूठी हैं.