नई दिल्ली; सरकार जहां एक तरफ लोगों को ऑनलाइन की तरफ धकेल रही है, वहीं बात जब बैंकिंग की आती है तो बैंक शाखाओं का महत्व अभी भी देश में बना हुआ है। क्योंकि 94 फीसदी से ज्यादा खुदरा ग्राहकों ने पिछले 12 महीनों में कम से कम एक बार अपने बैंक की शाखा का दौरा जरूर किया है। एक नए अध्ययन से सोमवार को यह जानकारी मिली।
2017 ऑरेकल जे. डी. पॉवर इंडिया रिटेल बैंकिंग स्टडी के मुताबिक, नोटबंदी द्वारा प्रदान प्रोत्साहन के बावजूद डिजिटल बैंकिंग अभी तक भारत में व्यापक अनुभव नहीं बना है।
अमेरिका की वैश्विक विपणन सेवा कंपनी जे.डी. पॉवर के वरिष्ठ निदेशक गॉडर्न शील्ड्स का कहना है, ज्यादातर बैंकिंग रिश्ते अभी भी शाखाओं से ही शुरू होते हैं और वहीं से जारी रहते हैं। हालांकि बैंकों को डिजिटल क्षेत्र में जाने की अभी और अधिक क्षमता है। केवल 51 फीसदी खुदरा बैंकिंग ग्राहकों का अपने मुख्य वित्तीय संस्थान के साथ एक विश्वसनीय ऑनलाइन अनुभव है।
शील्ड्स ने आगे कहा, वास्तव में भारत में बैंकों को लेकर समग्र ग्राहक संतुष्टि महज 772 अंक है, जबकि चीन में 806, अमेरिका में 793 और ऑस्ट्रेलिया में 748 है।
उद्योग नवोन्मेष सलाहकार वित्तीय सेवा कंपनी ऑरेकल के एपीएसी लीडर किरण कुमार केशवारापु का कहना है, हमारा मानना है कि यह मुद्दा ग्राहक आदान-प्रदान मॉडल का है। भारतीय बैकों के ग्राहकों को ऑनलाइन लेनदेन करते समय सुरक्षा संबंधी चिंताएं होती हैं, जिसे आसानी से दूर किया जा सकता है।