नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा के सचिव को लेकर विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल और उपराज्यपाल नजीब जंग में ठन गई है. इस मामले में स्पीकर रामनिवास ने नजीब जंग को संविधान के दायरे में रहने की नसीहत तक दे डाली.
विधानसभा स्पीकर ने उप राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि असैंवधानिक काम न करें, विधानसभा एक स्वायत्त संस्था है और उसके काम में दखल न दें.
मामला तीन दिन पहले का है, जब उप राज्यपाल नजीब जंग ने विधानसभा से सचिव प्रसन्ना सूर्यदेवरा को हटा दिया था. प्रसन्ना प्रसार भारती से दिल्ली सरकार में आए थे. लेकिन पिछले हफ्ते प्रसार भारती ने अधिकारियों की कमी का हवाला देकर प्रसन्ना को वापस मांग लिया था.
विधानसभा सचिव के पद पर सूर्यदेवरा का डेपुटेशन 16 जुलाई को ही खत्म हो गया था. लेकिन उन्होंने अभी तक अपने मूल विभाग में ज्वाइन नहीं किया था. सूर्यदेवरा दिल्ली विधानसभा में सचिव के पद पर डेपुटेशन पर तैनात थे और मूल रूप से प्रसार भारती में एनआरटी (न्यूज़ रीडर कम ट्रांसलेटर) तेलगू हैं.
20 जुलाई 2016 को प्रसार भारती ने एक पत्र लिखकर दिल्ली सरकार की उस मांग को भी खारिज कर दिया था, जिसमे सरकार ने स्थायी रूप से सूर्यदेवरा की सेवाएं उसे सौंपने की गुज़ारिश की थी. जिसके बाद स्पीकर ने प्रसन्ना सूर्यदेवरा को रिलीव करने से इंकार कर दिया है.
गोयल ने कहा है कि सूर्यदेवड़ा को 2018 तक का विस्तार मिला हुआ है. फिर विस अध्यक्ष को अपना सचिव रखने की संवैधानिक स्वतंत्रता भी है. उन्होंने कहा कि वह सूर्यदेवड़ा के काम से संतुष्ट हैं. उपराज्यपाल को उन्हें हटाने से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी.