नई दिल्ली : लोगों को अंगदान के प्रति जागरुक बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही अंगदान अभियान चलाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय इस अभियान के प्रचार की जिम्मेदारी योग गुरू बाबा रामदेव और आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर को देने की तैयारी कर रहा है. इस अभियान को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा.
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बारे में आध्यात्मिक गुरुओं के साथ दो चरणों की बैठक की है. अधिकारियों के मुताबिक, मंत्रालय अंगदान के प्रति लोगों को जागरुक करने लिए दूसरे धर्मों के नेताओं को भी शामिल करने की कोशिश कर रहा है.
माना जाता है कि धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं का जनता के एक बड़े हिस्से पर अच्छा खासा प्रभाव है. अभियान में इनको शामिल करके एक बड़े जनसमुदाय के बीच जागरूकता जगाई जा सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि धार्मिक विश्वासों के चलते लोग अंगदान करने से बचते हैं. हालांकि हिंदू, इस्लाम, ईसाइयत, सिख और बौद्ध धर्म अंगदान का समर्थन करते हैं. इन धर्मों के मुताबिक अंगदान करना दूसरों के प्रति प्यार और मानवता दर्शाने का सबसे नायाब जरिया है.
एक सर्वे के मुताबिक, शहरी इलाकों के 30 प्रतिशत लोग मानते हैं कि अंग दान करने वालों को जीवन रक्षक इलाज नहीं मिलता, जबकि करीब 20 फीसद का मानना है कि उनके शरीर की चीर फाड़ की जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हर साल 95 लाख लोग मरते हैं. इनमें से एक लाख लोग अंगदान करने लायक होते हैं. इन सबके बावजूद देश में हर दिन 300 लोगों की मौत अंगों के काम न करने की वजह से होती है. भारत में हर साल एक लाख से ज्यादा लोग अंगों के काम न करने की वजह से मरते हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि मौत के बाद अंगदान करके एक व्यक्ति 50 लोगों की जान बचा सकता है या उसे बेहतर कर सकता है. धार्मिक गुरुओं के अलावा सरकार लोकप्रिय और जाने माने डॉक्टरों के साथ सेलेब्रिटी को भी प्रचार अभियान में शामिल हो सकते है.