नई दिल्ली : राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को संसद के उच्च सदन में हंगामा किया। इस कारण प्रश्नकाल के दौरान सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने मतपत्रों में नोटा (इनमें से कोई नहीं) के विकल्प की वैधता पर सवाल उठाए।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने हालांकि कहा कि नोटा का विकल्प साल 2014 से ही प्रभाव में है और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद इसे शामिल किया गया था।
राज्यसभा में जैसे ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था का प्रश्न के तहत नोटा का मुद्दा उठाया।
शर्मा ने कहा, यह फैसला संविधान में संशोधन के बिना लिया गया या उस कानून में संशोधन किए बिना लिया गया, जिसके मुताबिक निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विधायकों के लिए नोटा का विकल्प उपलब्ध होगा। यह कैसे किया जा सकता है?..इससे चुनाव अवैध होता है, क्योंकि संविधान में संशोधन नहीं किया गया है, लोक प्रतिनिधित्व का अधिनियम, 1950 में संशोधन नहीं किया गया है, जबकि नोटा को मतपत्र में शामिल कर लिया गया।
उन्होंने कहा, ऐसा नहीं किया जा सकता।
वहीं, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सदन से कहा, ..सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर नोटा का विकल्प प्रदान किया गया। इस सरकार के सत्ता में आने से कई साल पहले न्यायालय का फैसला आया था।