नई दिल्ली : कश्मीर में जारी संकट के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बातचीत की और वहां के हालात पर चर्चा किया।
सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोनिया गांधी और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में गृह मंत्री ने उनके साथ कश्मीर घाटी में शांति कायम करने और हालात को सामान्य बनाने के प्रयासों को लेकर चर्चा की। कश्मीर घाटी में शुक्रवार को आतंकवादी नेता बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं ।
जम्मू कश्मीर में वर्ष 2009 और 2015 के बीच क्रमश: शासन करने वाली कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के साथ गृह मंत्री की बातचीत के बारे में समझा जाता है कि यह केंद्र सरकार का विपक्ष को विश्वास में लेने वाला कदम है। सोनिया गांधी ने आज एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में कोई समझौता नहीं हो सकता । हालांकि उन्होंने संघर्षों में लोगों की जान जाने पर भी क्षोभ जताया।
उमर ने कल कहा था कि उनकी पार्टी कश्मीर में शांति बनाए रखने में सहयोग करने को तैयार है लेकिन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इसकी कमान संभालनी चाहिए। राजनाथ सिंह कश्मीर के हालात को लेकर अन्य विपक्षी नेताओं से भी बात कर रहे हैं । सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री कम से कम दो बार मुख्यमंत्री महबूबा से बात कर चुके हैं और उन्हें हिंसक प्रदर्शनों से निपटने के लिए सभी प्रकार की केंद्रीय सहायता का आश्वासन दे चुके हैं । इन संघर्ष में अभी तक 23 लोगों की जान गयी है ।
बताते चलें कि वानी की मौत के बाद घाटी में कर्फ्यू जैसे हालात और अलगाववादियों द्वारा समर्थित हड़ताल के कारण सामान्य जनजीवन पिछले तीन दिन से प्रभावित है । शनिवार से घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। प्रशासन ने प्रदर्शनों को काबू में रखने के लिए शहर तथा घाटी के अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी को मजबूत किया है। अधिकारियों ने बताया कि संपत्ति या जानमाल के और नुकसान को रोकने के लिए प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है ।