नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कश्मीर घाटी की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं । इस यात्रा के दौरान वह घाटी के हालात की स्थिति की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही वह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बातचीत भी करेंगे। उनका यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कश्मीर की स्थिति पर ‘गहरी चिंता और दुख’ व्यक्त करने के एक दिन बाद सामने आया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि वह कश्मीर में नागरिक समाज के समूहों, राजनीतिक दलों और अन्य पक्षकारों के साथ बातचीत करेंगे।
सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उत्पन्न अशांति के कारण घाटी में एक महीने में सिंह की यह दूसरी यात्रा है। जम्मू कश्मीर में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में दो पुलिसकर्मियों सहित 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार अन्य लोग घायल हुये हैं।
गृह मंत्री ने कहा था कि केन्द्र राज्य के साथ एक भावनात्मक रिश्ता चाहता है न कि सिर्फ जरूरत पर आधारित रिश्ता। राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने की अपील करते हुये घाटी में लोगों तक पहुंचने के लिए उन्होंने कहा कि जहां तक भारत सरकार की बात है, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम लोग केवल जरूरत के आधार पर संबंध नहीं चाहते हैं बल्कि कश्मीर के साथ एक भावनात्मक रिश्ता बनाना चाहते हैं।
बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहां की स्थिति पर अपनी ‘गहरी चिंता और दुख’ व्यक्त किया था और जम्मू कश्मीर में समस्याओं का एक ‘स्थायी और टिकाउ’ समाधान ढूंढने में राजनीतिक दलों से मिल कर काम करने की अपील की थी।
दूसरी ओर, अशांति के बीच कश्मीर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने मंगलवार को जवानों से कहा कि वे भीड़ को संभालने के दौरान जितना ज्यादा संभव हो सके संयम बरतें और मानव अधिकारों को बरकरार रखें। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे हिंसा छोड़ें और जल्द से जल्द शांति बहाल करने में मदद करें।