नई दिल्ली : संसद में कश्मीर मुद्दे पर दिनभर की चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि पाकिस्तान के साथ सिर्फ ‘पाक अधिकृत कश्मीर’ पर वार्ता होगी, ‘कश्मीर’ पर नहीं। दुनिया की कोई भी ताकत हमसे कश्मीर नहीं ले सकती है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अशांति की कई घटनाओं के पीछे सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान का हाथ है। सरकार ने यह भी घोषणा की कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर 12 अगस्त को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी भाग लेंगे।
राज्यसभा में आज जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हुई चर्चा के बाद एक संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसमें कहा गया है कि यह सदन कश्मीर घाटी में लंबी अशांति, हिंसा एवं कफ्र्यू पर गहरी चिंता व्यक्त करता है। सदन बिगड़ती स्थिति के कारण लोगों की जान जाने और गंभीर रूप से घायल होने पर गहरा क्षोभ एवं चिंता जताता है। सदन का यह दृढ़ एवं सुविचारित मत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता तथा लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के मकसद से शांति एवं व्यवस्था कायम करने के लिए फौरन कदम उठाये जाने की जरूरत है। सदन जम्मू कश्मीर में समाज के सभी वर्गो से सामान्य स्थिति एवं सौहार्द बहाल करने के लिए गंभीर अपील करता है। सदन आम लोगों विशेषकर युवाओं में विश्वास बहाली के बारे में सर्वसम्मति से संकल्प करता है।
इससे पहले चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर की हाल की घटनाओं के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वहां जो कुछ भी हो रहा है उन सबको पाकिस्तान प्रायोजित कर रहा है। जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के सुझाव को सिरे से नकारते हुए उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर के मुद्दे पर ही बातचीत की जायेगी।
गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिये कि जम्मू कश्मीर का कहीं और से हल निकल सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई ताकत हमसे जम्मू कश्मीर को अलग नहीं कर सकती।
राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत के लिए 12 अगस्त को दोपहर 12 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई जायेगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। बैठक में राज्य की स्थिति के बारे में विभिन्न दलों के साथ विस्तार से चर्चा की जायेगी। राजनाथ ने कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराये जाने और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटनाओं पर गहरी आपत्ति जताते हुए राज्य के युवाओं से कहा, भारत की धरती पर यह नहीं चलेगा।
चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्यों द्वारा जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजकर बातचीत करने के सुझाव पर गृह मंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया जारी है। स्वयं उन्होंने 23-24 जुलाई को श्रीनगर एवं अनंतनाम में जाकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की थी। सिंह ने कहा कि जहां तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल को राज्य में भेजकर वहां चर्चा कराये जाने की बात है उसके लिए जमीनी स्तर पर तैयारी करनी पड़ेगी। इसके बारे में वह राज्य की मुख्यमंत्री से भी बातचीत करेंगे।
चर्चा के दौरान कई सदस्यों द्वारा ‘पैलेट गन’ का प्रयोग बंद करने के सुझाव पर राजनाथ ने कहा कि सुरक्षा बलों को पहले ही यह निर्देश दे दिया गया है कि वे अधिकतम संयम से काम लें। गैर-घातक उपायों पर विचार के लिए एक समिति बनाई गई है और उसे दो माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि हमें जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की समस्याओं को भी समझना होगा।