नई दिल्ली : रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने मौद्रिक नीति की अपनी आखिरी समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. खुदरा महंगाई दर के 22 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बीच नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मतलब ये कि कर्ज पर ब्याज दरों में कमी नहीं होगी और आपकी ईएमआई भी नहीं घटेगी. बड़ी बात ये है कि आरबीआई ने अनुमान जताया है कि अगले साल मार्च तक महंगाई दर पांच फीसदी के करीब रह सकती है.
इस तीसरी समीक्षा की खास बातें यह है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. मौजूदा रेपो रेट 6.5 फीसदी है. सीआरआऱ में कोई बदलाव नहीं, मौजूदा दर 4 फीसदी है. महंगाई पर फौरी असर निर्भर करेगा कि मानसून की वजह से खाद्य पदार्थों की कीमत घटती है या नहीं. सातवे वेतन आय़ोग की सिफारिशों पर अमल से घर किराए में बढ़ोतरी के आसार लगाये गए हैं. रिजर्व बैंक 2016-17 के दौरान 7.6 फीसदी के विकास दर के अनुमान पर कायम है . जीएसटी से जुड़े विधेयक पारित होने से आर्थिक सुधारों पर राजनीतिक सहमति के आसार बढ़े हैं. लेकिन एक चुनौती तय कार्यक्रम के मुताबिक जीएसटी लागू करना है. सबसे अहम बात यह है कि जीएसटी लागू होने से निवेश पर आय़ बढ़ेगी. मध्यम अवधि में सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी.