जी. कृष्णंमोहन राव (राजनीतिक विश्लेषक )
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को मंजूरी दिए जाने का हार्दिक स्वागत किया है। अपने ट्वीट संदेशों में श्री मोदी ने कहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में एक अरसे से इसकी प्रतीक्षा थी और इससे आने वाले समय में इससे करोड़ों लोगों के जीवन में आमूल परिवर्तन आएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षा तक लोगों की पहुंच, क्षमता, गुणवत्ता, किफायत और जवाबदेही बढ़ाने पर आधारित है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के आज के युग में जब सीखना, अनुसंधान और नवसृजन करना बहुत जरूरी हो गया है, तो ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारत ज्ञान के जीवंत केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा। श्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा तक हर किसी की पहुंच सुनिश्चित करने को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। इसके अलावा शिक्षा के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे, नवाचार पर आधारित शिक्षा केंद्रों के जरिए स्कूली शिक्षा पूरी न कर पाने वालों को फिर से शिक्षा की मुख्यधारा में लाने, और सीखने के अनेक तरीके उपलब्ध कराने पर भी नई शिक्षा नीति में जोर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दस जमा दो वाले स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम की जगह पांच जमा तीन जमा तीन जमा चार वाले पाठ्यक्रम के लागू होने से बच्चों को बड़ा फायदा होगा। इस तरह का पाठ्यक्रम बच्चों की मानसिक क्षमताओं के विकास के लिए दुनियाभर में अपनाए जाने वाले बेहतरीन तौर-तरीकों के भी अनुरूप होगा। उन्होंने कहा कि स्कूली पाठ्यचर्या और शिक्षण के तरीके में भी सुधार किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बालक-बालिका के बीच अंतर समाप्त करने के लिए समावेशन कोष और विशेष शैक्षिक क्षेत्रों के गठन का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इनसे शिक्षा को और अधिक समावेशी बनाने में ध्यान केंद्रित किया जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षण के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और दिव्यांगों को भी अवसर मिलेंगे। श्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारत को उच्च शिक्षा क्षेत्र में समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्नातक स्तर तक की शिक्षा में पाठ्यक्रम लचीला रखा जाएगा, जिसमें विषयों को रचनात्मक तरीके से जोड़ा जाएगा और व्यावसायिक शिक्षा को भी इसमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्नातक पाठ्यक्रम में कई स्तर पर प्रवेश और प्रमाणपत्र लेकर बाहर आने की सुविधा भी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का सम्मान करते हुए नई शिक्षा नीति-2020 में संस्कृत सहित भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की प्रणाली को शामिल किया गया है। नीति के अनुसार माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों को कई विदेशी भाषाओं को सीखने का विकल्प भी दिया जाएगा। इसके अलावा भारतीय संकेत भाषा का मानकीकरण भी किया जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में टेक्नोलॉजी के उपयोग, ऑनलाइन शिक्षा, मुक्त और दूरस्थ शिक्षा के ढांच को मजबूत करने और वजीफों की संख्या बढ़ाने की ओर भी ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में ये अत्यंत महत्वपूर्ण सुधार हैं।
श्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 को शासन व्यवस्था को सहभागितापूर्ण बनाने का शानदार उदाहरण है। उन्होंने इस नीति को बनाने में कठिन परिश्रम करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि नई शिक्षा नीति से हमारा राष्ट्र और श्रेष्ठ होगा और देश में खुशहाली आएगी।