ग्वालियर : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में पूर्व में दिए गए नारे में ‘रोटी, कपड़ा और मकान मांग रही है, हिंदुस्तान’ के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य को भी जोड़े जाने की जरूरत बताई है. उन्होंने यह बात सोमवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सबके लिए आवास योजना में 81 करोड़ रुपये की लागत के 1088 आवास का लोकार्पण के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि सन 2022 तक देश के सभी लगभग तीन करोड़ 50 लाख आवासहीनों को आवास मुहैया करा दिए जाएंगे. इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार ने अभियान शुरू कर दिया गया है.
राष्ट्रपति ने ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में जोड़े जाने पर नगरवासियों को बधाई देने के साथ कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गरीबों के कल्याण और मध्यप्रदेश के विकास के लिए लगातार प्रयत्नशील है.
उन्होंने कहा कि 2015 में संसद में अपने अभिभाषण के दौरान भारत के सभी आवासहीन गरीब परिवारों को स्वयं के आवास के स्वप्न की चर्चा की गई थी, जिसे लोकतांत्रिक परंपरा से चुनी हुई नरेन्द्र मोदी की सरकार ने गंभीरता से लेते हुए काम प्रारंभ कर दिया है.
उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ तैयार की गई है, जिसका लक्ष्य 2022 तक सभी संभावित साढ़े तीन करोड़ आवासहीन को आवास मुहैया करवाना है. राष्ट्रपति ने देश में बढ़ते हुए शहरीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर होती है तब शहरीकरण की प्रवृत्ति बढ़ती है.
इस मौके पर प्रदेश के राज्यपाल ओ.पी. कोहली ने कहा कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध मध्यप्रदेश में सरकार जन-कल्याण के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सन 2019 तक एक करोड़ आवास तैयार करवाने का लक्ष्य भारत सरकार ने निर्धारित किया गया है. इस पर लगभग 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. उन्होंने मध्यप्रदेश शासन में किए जा रहे जन-कल्याणकारी कार्यो की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश की आर्थिक और कृषि विकास दर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आईएचएसडीपी के 1088 आवासों के हितग्राहियों में से चुने गए छह सौभाग्यशाली हितग्राही को आवास का आधिपत्य और चाबियां प्रदान की.
इससे पहले राष्ट्रपति की हवाई अड्डे पर अगवानी की गई. वह जीवाजी विश्वविद्यालय के जिम्नेजियम हॉल में आयोजित समारोह में कम आय वर्ग के परिवारों के लिए बनाए गए 1088 आवासों का लोकार्पण किया. उसके बाद सिंधिया कन्या विद्यालय के स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अस्वस्थ होने के कारण राष्ट्रपति की मौजूदगी में हो रहे कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले पाए.