नई दिल्ली : नोटबंदी के लिए राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा निशाना बनाए जाने पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक जीवन में सक्रिय लोग बेशर्मी से भ्रष्टाचार और कालाधन का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में मूल्यों का पतन हो रहा है। मैंने देखा है कि सार्वजनिक जीवन में सक्रिय लोग भ्रष्टाचार और कालाधन के समर्थन में भाषण दे रहे हैं। वे ढिठाई से खुलेआम ऐसा कर रहे हैं। किसी भी देश में मूल्यों में गिरावट सबसे बड़ा संकट है। उन्होंने कहा कि आगामी पीढ़ियां उनलोगों को माफ नहीं करेगी जो मूल्यों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं।’ वह पार्टी के दिवंगत नेता केदारनाथ साहनी के स्मरण में प्रकाशित एक किताब के विमोचन के दौरान बोल रहे थे। साहनी जनसंघ और भाजपा के महत्वपूर्ण नेता थे।
मोदी ने साहनी का उदाहरण देते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में हर किसी को बेदाग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मूल्यों में पतन से समझौता की इस मानसिकता के खिलाफ रुख अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने याद करते हुए कहा कि साहनी ने इंदिरा गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि में हुए दंगे के दौरान कई सिख परिवारों को अपने घर में पनाह दी और उनकी मदद के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य को एकजुट किया।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उस समय की सरकार के रवैये से हर कोई अवगत है और आरोप लगाया कि उस वक्त ‘मानव वध’ हुआ और सिखों के परिवारों का कत्ल हुआ।