राजपथ डेस्क : देश के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष यानी सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा भारतीय वायुसेना का एमआई-17वीएच हेलीकाप्टर बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के नजदीक क्रैश हो गया। हेलीकाप्टर में जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका समेत कुल 14 लोग सवार थे।
भारतीय वायुसेना ने बताया कि हादसे में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दिग्गज हस्तियों ने शोक संवेदना प्रकट की है। पीएम ने कहा कि मैं इस हादसे से व्यथित हूं जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को सेना का एक एमआई-17वी-5 हेलीकाप्टर क्रैश हो गया जिसमें देश के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत कई लोग सवार थे। सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं।
दिसंबर 2019 को जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया था। उन्होंने जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई थी। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान और चीन के साथ लगती सीमाओं पर परिचालन संबंधी विभिन्न जिम्मेदारियां संभाली।
उन्होंने पूर्वोत्तर समेत कई इलाकों में अहम पदों पर काम किया। वह युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक एवं विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किए जा चुके थे। जनरल बिपिन रावत के के नेतृत्व में ही सेना मणिपुर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद सीमा पार म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
इस सर्जिकल स्ट्राइक में एनएससीएन के कई उग्रवादियों को मार गिराया गया था और उनके कैंप तबाह कर दिए गए थे। इस कार्रवाई में 21 पैरा के कमांडो शामिल थे। थर्ड कार्प्स के अधीन इस बटालियन के कमांडर उस वक्त बिपिन रावत थे।
म्यांमार में की गई इस सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता के बाद सरकार का जनरल रावत पर भरोसा और बढ़ गया था। नतीजतन रावत को 31 दिसंबर 2016 में सेना के तीनों अंगों का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया था। कहते हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने में रावत को पूर्वी सेक्टर में एलओसी, पूर्वोत्तर के अशांत इलाकों और कश्मीर में काम करने का लंबा अनुभव काम आया।
उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद रावत ने ही पाकिस्तान पर पलटवार की कमान संभाली थी। जनरल बिपिन रावत के ही नेतृत्व में भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान में स्थित आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। ट्रेंड पैरा कमांडो ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान बुरी तरह घबरा गया था।
सन 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में सीडीएस जनरल रावत को कमीशन मिला था। उन्होंने साल 1986 में चीन से लगी एलएसी पर इन्फेंट्री बटालियन के प्रमुख पद की जिम्मेदारी संभाली थी। जनरल रावत कश्मीर में 19 इन्फेंट्री डिवीजन की भी अगुआई कर चुके हैं।
उन्होंने देश ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में भी भारत का नेतृत्व किया है। उनको दो सितंबर 2016 को उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। उन्हें युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, उत्तर युद्ध सेवा मेडल, एवीएसएम, विदेश सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।