नयी दिल्ली : डिजिटल इंडिया का दायरा युवाओं, बैंकिग क्षेत्र और मीडिया तक ही सीमित नहीं हैं. गंगाजल के ऑनलाइन बिक्री के बाद देश के मुख्य धार्मिक स्थल भी अब वर्चुअल वर्ल्ड में दस्तक दे सकते हैं. इलाहाबाद समेत कई धार्मिक जगहें पिंडदान और दाह संस्कार जैसी क्रियाओं को भी ऑनलाइन बनाने की तैयारी में हैं.
17 सिंतबर से पंद्रह दिनों के लिए पित्ररक्षा और पिंडदान शुरु हो रहे हैं. इस साल हजारों श्रद्धालुओं ने अपने पंडितों से सलाह ली है कि कैसे धार्मिक संस्कारों को ऑनलाइन पूरा किया जाए. प्रयाग के पंडित संजय पांडे के मुताबिक हर साल लाखों लोग अनुष्ठान के लिए प्रयाग आते हैं लेकिन इस साल कई भक्तों ने बताया कि वे चाह कर भी इस धार्मिक स्थल पर नहीं आ सकते हैं और उन्होंने अपने नियमित पंडितो से आग्रह किया है कि वे ही उनकी पक्ष से गंगा में पिंडदान की क्रिया पूरी कर दें.
इलाहाबाद, हरिद्वार और गया जैसे धार्मिक स्थलों में पड़ितों के फोन अब बिजी होने लगे हैं. देश भर के अलग-अलग जगह से लोग अपने पितरों की जानकारी पंडितों को व्हॉट्सेप और ईमेल के जरिए भेज रहे हैं. यात्रा से बचने और व्यस्त जिंदगी के चलते लोग अब वर्चुअल स्पेस का सहारा ले रहे हैं. पुजारी भी इस नए प्लेटफॉर्म में खुद को ढाल रहें हैं शायद उन्हें भी अंदाजा हो गया है कि आने वाले समय में इसकी जरुरत और भी ज्यादा होगी.