नई दिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने सोमवार को भी जमकर हंगामा किया। संसद में आज फिर से नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश की। लगातार हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही आज दो बार स्थेगित करनी पड़ी। विपक्षी पार्टियों ने आज राज्यचसभा में हंगामा किया और नोटबंदी पर पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की। वहीं, नोटबंदी को लेकर लोकसभा में भी इस मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा हुआ। एक ओर जहां विपक्ष इस मसले पर प्रधानमंत्री से जवाब देने की मांग कर रहा था वहीं सरकार की तरफ से जेटली का आरोप था कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है। सरकार की तरफ से कुछ मंत्री विपक्ष को शांति से बैठने और चर्चा को आगे बढ़ाने की अपील करते भी सुने गए। नोटबंदी पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के एक बयान के बाद सरकार की तरफ से उनसे माफी मांगने की मांंग की जा रही है। जिसको लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध लगातार कायम है। वहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि इस फैसले को किसी भी सूरत से वापस नहीं लिया जाएगा।
आज सुबह संसद में जाने से पहले टीएमसी नेताओं ने पोस्टर दिखाकर संसद के गेट पर नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं संसद से पहले विपक्षी दलों ने बैठक की। बैठक में तय हुआ कि 23 नवंबर को संसद में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं बीजेपी का कहना है कि हम सदन में बहस के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने अपने सांसदो को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है। विपक्षी दलों ने अपनी मांग दोहराते हुए पीएम मोदी को सदन में चर्चा के लिए आने की मांगी की है। कांग्रेस का कहना है कि सदन में चर्चा तभी होगी जब पीएम सदन में आएंगे। संसद में विपक्ष नोटबंदी के निर्णय पर वोटिंग किए जाने की बात कर रहा है जबकि सरकार की ओर से कहा गया है कि नियम 193 के अंतर्गत चर्चा करने के लिए वह तैया है मगर चर्चा के बाद वोटिंग इस नियम के तहत नहीं होगी।
दूसरी ओर, नोटबंदी के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष की ओर से राज्यसभा में सरकार की घेराबंदी की तैयारी के बीच भाजपा ने उच्च सदन में अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सोमवार से तीन दिन तक सदन में उपस्थित रहने को कहा है। सत्तारूढ़ राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और भाजपा का मानना है कि मतदान की स्थिति में उसे अधिकांश सदस्यों की मौजूदगी की जरूरत होगी। राज्यसभा में पिछले दो दिनों में नोटबंदी के कारण लोगों की मौत और उरी आतंकी हमले में मौत में समानता बताने संबंधी विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी के कारण सत्ता पक्ष और कांग्रेस में तानातनी की स्थिति रही। आजाद की टिप्पणी के बाद सरकार में वरिष्ठ मंत्रियों ने कांग्रेस नेता पर तीखा प्रहार किया और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने इसे शहीदों का अपमान बताया जबकि एम वेंकैया नायडू ने इसे राष्ट्र विरोधी करार देते हुए माफी मांगने की मांग की। दूसरी ओर विपक्ष प्रधानमंत्री के संसद में चर्चा के दौरान मौजूद रहने की मांग कर रहा है।
बीजेपी ने व्हिप जारी किया है और राज्यसभा में अपने सांसदों से 21 नवंबर से 23 नवंबर तक सदन में मौजूद रहने को कहा है। संसद के भीतर और बाहर नोटबंदी पर राजनीतिक गर्माहट जारी रहने के बीच भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अपने सांसदों से नोटबंदी के फायदे का प्रचार प्रसार करने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने को कहा है। सूत्र ने बताया कि भाजपा संसदीय कार्यालय ने अपने सहयोगी दलों समेत अपने सभी सांसदों को नोटबंदी पर आरबीआई और वित्त मंत्रालय के संवादों का ब्यौरा सौंपा है ताकि वे लोगों तक सूचनाएं पहुंचाने में उसका उपयोग कर सकें।
बताते चलें कि नोटबंदी को लेकर शुक्रवार को इस मुद्दे पर हुए हो-हल्ले के बाद लोकसभा और राज्यसभा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।