डेस्क : बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है, अप्रैल और मई के बीच में कराने की संभावना है। 2021 के फरवरी के अंतिम सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। जानकारी के अनुसार चुनाव 9 चरणों में संभावित है। राज्य निर्वाचन आयोग इस बाबत राज्य सरकार को प्रस्ताव सौंपेगा। इस पर कैबिनेट की मुहर लगते ही अधिसूचना और चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले चरण की वोटिंग अप्रैल से शुरू होगी और अंतिम चरण की वोटिंग मई तक संभावित है। चुनाव की प्रक्रिया 15 जून के पहले पूरी कर लेनी है। इसे ध्यान में रखकर वोटिंग और मतगणना की तारीख तय होगी। वर्ष 2016 के चुनाव में पहले चरण की वोटिंग 24 अप्रैल को और अंतिम चरण की वोटिंग 30 मई को कराई गई थी। तब हर चौथे दिन मतदान की तारीख तय की गई थी।
खास बात यह है कि वर्ष 2016 में बैलेट पेपर से चुनाव कराए गए थे। तकनीकी तौर पर प्रत्याशियों को प्रतीक चिह्न आवंटित करने के बाद बैलेट पेपर की छपाई की प्रक्रिया शुरू होती है। इस बार बैलेट पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से चुनाव कराने की तैयारी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बाबत राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है, जिस पर आयोग को सैद्धांतिक सहमति भी मिल चुकी है।
इधर, सीएम नीतीश कुमार के बयान पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। उन्होंने हमें बताया था कि सीएम बनने की कोई इच्छा नहीं है। पर, हमारे दबाव पर उन्होंने सीएम बनना स्वीकार किया। नतीजे के बाद वह सीएम बनना नहीं चाह रहे थे। हमने उनसे स्पष्ट कहा कि हमें जो जीत मिली है, उसमें चेहरा उनका ही है। लिहाजा उन्हें ही सीएम बनना चाहिए। पहले तो वे तैयार नहीं हुए, लेकिन अनुरोध पर हामी भरी। मोदी ने दावा किया कि बिहार में गठबंधन में कोई विवाद नहीं है।