नई दिल्ली : भारत शुरू से कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है. अब पाकिस्तान के बड़े अखबारों ने भी मान लिया है कि पाकिस्तान की हुकूमत आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करती बल्कि उसे बचाने में लगी रहती है. वहां की सरकार इस कदर डर गई है कि डॉन अखबार के एक पत्रकार को तो पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई तो द नेशन ने सरकार के खिलाफ संपादकीय में बड़ी बड़ी बातें लिख दी है.
दुनिया में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान के खिलाफ अब अंदर भी आवाज उठने लगी है. पाकिस्तान के एक लोकप्रिय अखबार ने बुधवार को सरकार और सेना से पूछा कि आखिर जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करना, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘खतरा‘ क्यों है?
मसूद अजहर और हाफिज सईद आतंक के ये वो दो चेहरे हैं जिसे पाकिस्तान न सिर्फ पनाह देता है बल्कि पाकिस्तानी हुक्मरान इनकी सरपरस्ती में ही राज काज भी चलाते हैं. भारत दुनिया के सामने चीख चीख कर कहता रहा है कि इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई हो लेकिन न तो पाकिस्तान सुनता है और ना ही पाकिस्तान के मददगार.
अब पाकिस्तान के एक बड़े और लोकप्रिय अखबार द नेशन ने भी छाप दिया है कि पाकिस्तान की सरकार आतंक के इन आकाओं को बचा रही है. कल द नेशन ने संपादकीय पेज पर लिखा कि डॉन अखबार के रिपोर्टर सिरिल अलमाइडा की रिपोर्ट को सरकार ने मनगढ़ंत बताया लेकिन सरकार और आर्मी के अधिकारियों ने कल की मीटिंग में इसकी कोई सफाई नहीं दी कि क्यों पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की मौजूदगी को नकारा जा रहा है, या क्यों मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या क्यों पाकिस्तान दुनिया में तेजी से और ज्यादा अलग-थलग पड़ता जा रहा है.
गौर हो कि हाफिज सईद आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का चीफ है, मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड. जबकि मसूद अजहर जैश ए मोहम्मद का प्रमुख है. संसद हमला, पठानकोट हमला और उरी में पिछले महीने हुए हमले का मास्टरमाइंड इसी को माना जाता है. अखबार के संपादकीय में कहा गया है कि सरकार और सेना, हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कार्रवाई करने के बजाय प्रेस को लेक्चर दे रही हैं.
असल में 6 अक्टूबर को पाकिस्तान के एक और बड़े अखबार डॉन ने अपने एसोसिएट एडिटर सिरिल अलमाइडा की एक रिपोर्ट छापी थी.
जिसमें प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ और आर्मी चीफ राहिल शरीफ की मीटिंग का ज़िक्र करते हुए कहा था कि नवाज़ शरीफ ने जनरल राहिल शरीफ से कहा कि वो या तो आतंकवादियों पर कार्रवाई करें या फिर दुनिया में अलग-थलग रहने को तैयार रहे.
अखबार की इस रिपोर्ट को सरकार और सेना ने मनगढंत बताते हुए सिरिल के पाकिस्तान छोड़ने पर पाबंदी लगा दी. इसके बाद पाकिस्तानी मीडिया का बड़ा हिस्सा सिरिल के साथ खड़ा हो गया है और आतंकवाद पर पाकिस्तान की पोल दुनिया के सामने खुल गई है.